नदियों में हो रहा अवैध खनन, खतरे की जद में आया गिरी नदी पर बना बांगरण पुल
पोल खोल न्यूज़ | सिरमौर
हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के पांवटा में खनन माफियाओं द्वारा नदियों का सीना छलनी किया जा रहा है। पांवटा साहिब क्षेत्र के आसपास से गुजर रही यमुना, गिरी और बातापुल नदी में खनन माफियाओं द्वारा लगातार अवैध खनन किया जा रहा है। खनन माफिया अवैध रूप से नदियों से खनन सामग्री उठा रहे हैं। उत्तराखंड और हिमाचल को जोड़ने वाले पुल की नींव तक माफियाओं ने हिला डाली है, जिसके चलते पुल खतरे की जद में है। वहीं, वन विभाग लगातार इस मामले में कार्यवाही कर रहा है और पिछले एक साल में वन विभाग ने अवैध माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की है, जिसके तहत खनन माफियाओं के 280 चालान काटकर विभाग ने लगभग 60 लाख तक का जुर्माना वसूल किया है।
वहीं, जानकारी देते हुए डीएफओ पांवटा साहिब ऐश्वर्या राज ने बताया कि खनन माफियाओं द्वारा दिन रात नदियों का सीना छलनी किया जा रहा है, जिसके चलते बाढ़ और भूमि कटाव का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है। पांवटा साहिब के साथ लगती यमुना नदी में यमुना पुल, नवादा, रामपुर घाट, भूपपुर आदि स्थानों पर अवैध रूप से नदी से खनिज संपदा पर डाका डाला जा रहा है। वन विभाग द्वारा माफियाओं की धरपकड़ जारी हैं और समय-समय पर टीम ने जुर्माना भी वसूल किया है। सरकार को करोड़ों रुपयों का राजस्व पावंटा साहिब से गया है। उन्होंने बताया की गोजर से लेकर हथिनी कुंड तक माफियाओं का बोलबाला रहता है। ऐसे में वन विभाग ने मार्च 2023 से लेकर मार्च 2024 तक 51.4 लाख तक का जुर्माना खनन माफियाओं से वसूल किया है, जिसके तहत वन विभाग ने करीब 280 चालान कर लाखों का जुर्माना वसूल किया। उन्होंने बताया की चारों रेंज में से सबसे ज्यादा चालान पांवटा रेंज के तहत हुए हैं। इसमें भंगानी, माजरा और गिरिनगर में सबसे ज्यादा चालान काटे गए हैं।
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डीएफओ ऐश्वर्या राज ने बताया कि खनन माफियाओं के खिलाफ जिस तरह से वन विभाग की टीम ने मिलकर पिछले एक साल से अभी तक कार्यवाही की है। उसी तरह से आगे भी जारी रहेगी। गौरतलब है कि गिरी नदी में बांगरण पुल, सतौन पुल के पास, रेणुका-सतौन मार्ग के साथ लगती नदी में कई जगह अवैध खनन करते लोगों को देखा जा सकता है, जबकि पांवटा क्षेत्र से लगती एक और बाता नदी के किनारों से भी अवैध रूप से खनिज संपदा के रूप में रेत, बजरी, पत्थर आदि बिना अनुमति के उठाया जा रहा है। इसके अलावा हिमाचल-उत्तराखंड की सीमा के साथ लगते खोदरी-माजरी, सहस्रधारा में भी अवैध रूप से खनन को अंजाम दिया जा रहा है। सुबह, शाम व रात के समय खनन कार्य को खनन माफिया अंजाम दे रहा है। प्रशासन व विभाग की नाक तले अवैध खनन का कारोबार फलफूल रहा है। अधिकतर खनन सामग्री उत्तराखंड राज्य के लिए सप्लाई की जा रही है।