Shimla : बच्चे-बुजुर्ग हो रहे फैटी लिवर का शिकार
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक अब फैटी लिवर का शिकार हो रहे हैं। मरीजों पर किए सर्वे में यह खुलासा हुआ है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. बृज शर्मा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि फैटी लिवर की समस्या अब शराब न पीने वालों में भी देखने को मिल रही है। यही वजह है कि सरकार ने इसे नेशनल प्रोग्राम में शामिल किया है। डॉ. बृज शर्मा आईजीएमसी के लेक्चर थियेटर-5 में विश्व फैटी लिवर दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र सिंह ने किया।
डॉ. बृज शर्मा ने बताया कि पूर्व में शराब का सेवन करने वाले लोगों में ही लिवर की समस्या होती थी। लेकिन अब मोटापा, मधुमेह, काम करने की शैली में बदलाव तथा दूसरे कारणों से भी लिवर पर असर देखने को मिल रहा है। इसके अलाव फैटी लिवर लगभग 30 फीसदी रोगियों में लिवर सिरोसिस का कारण भी बन रहा है। यह एक तरह का साइलेंट किलर है, लिहाजा इसका पता देरी से लगता है। नियमित जांच करवाकर इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है।
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आईजीएमसी के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. बृज शर्मा ने बताया कि जो लोग मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप हैं तथा शराब का सेवन करते हैं तो उनमें इस बीमारी के होने के ज्यादा खतरा होता है। ऐसे में लोगों को अपनी जीवन शैली में सुधार लाना होगा। स्वस्थ खान-पान के अलावा फास्ट फूड का सेवन न करने व व्यायाम और योग करने से भी इस बीमारी से बचा जा सकता है।
रोग के लक्षण
पेट में ऊपर की तरफ दाईं ओर दर्द, पेट में सूजन, नसें फूली हुई नजर आना, त्वचा के रंग का पीला होना, बहुत ज्यादा थकान, हथेलियों में लाली आना, शरीर में पानी का जमाव और उल्टी या मल में रक्त आना रोग के लक्षणों में शामिल हैं।