अकेलेपन के कारण बुजुर्गों में डिप्रेशन और हाइपरटेंशन के बढ़े मामले
पोल खोल न्यूज़ | ऊना
हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के नागरिक अस्पताल अंब में हाल ही में मनोरोग विशेषज्ञ की ओपीडी की शुरू हुई है। मनोरोग ओपीडी में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, लेकिन इनमें बुजुर्गों की संख्या अधिक हैं। रोजाना औसतन 40 बुजुर्ग मनोरोग ओपीडी में पहुंच रहे हैं। मनोरोग विशेषज्ञ द्वारा की जा रही काउंसिलिंग के दौरान चौकाने वाली बात सामने आई है। विशेषज्ञ का कहना है कि अकेलेपन के कारण बुजुर्गों में डिप्रेशन और हाइपरटेंशन के मामले बढ़े हैं।
वहीं, अंब अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ नवदीप जोशी का कहना है कि ओपीडी में आने वाले मरीजों में से बुजुर्गों की संख्या सबसे अधिक है। इस दौरान अस्पताल में बुजुर्गों की उपचार के साथ ही काउंसलिंग भी की जा रही है, ताकि वह डिप्रेशन में अन्य मानसिक रोगों से दूर रह सकें। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों का मानसिक स्वास्थ्य तभी प्रभावित होता है, जब वे अपने आप को अलग-थलग अथवा अकेला महसूस करते हैं। क्योंकि आमतौर पर बुजुर्गों को यही लगता है कि वे स्वतंत्र रूप से कहीं आ-जा नहीं सकते या किसी से मिल जुल नहीं सकते।
उन्होंने कहा कि नियमित व्यायाम भी बुजुर्गों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो सकता है। मानसिक अवसाद से बचने के लिए बुजुर्गों को अपने आप को व्यस्त रखना चाहिए। क्योंकि अकेलापन होने से ही डिप्रेशन और हाइपरटेंशन जैसी समस्या होती है। इसके अलावा जिन परिवारों में बुजुर्गों के साथ बच्चे और अन्य सदस्य भी रहते हैं, उन्हें बुजुर्गों के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए, ताकि वे खुद को अकेला महसूस न करें।
मानसिक रोगी अकसर व्यक्ति अकेले में बात करता है। अधिक लोगों से बातचीत नहीं करता और अधिक गुस्सा आदि करता है। इसमें कुछ मरीज एक तरह की काल्पनिक दुनिया या भ्रम की स्थिति में रहते हैं। उनका नजरिया वास्तविक दुनिया से अलग होता है। ऐसे में अगर इस प्रकार के लक्षण दिखाएं तो उक्त व्यक्ति को जल्द से जल्द मनोरोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।