डंके की चोट पर : नेता प्रतिपक्ष जयराम और भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल अब सरकार गिरने की नई तारीखें नहीं बता रहे
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
4 जून को भाजपा की दो सरकारें बनेगी, एक केंद्र में और एक हिमाचल में। रिजल्ट निकला तो केंद्र में भाजपा की गठबंधन सरकार बन गई लेकिन हिमाचल में सुक्खू सरकार बरकरार रही। फिर तीन उपचुनाव हुए तो बताया गया कि 13 जुलाई को हिमाचल की सरकार गिर जाएगी। रिजल्ट निकला तो कांग्रेस फिर 40 की हो गई और भाजपा 28 की ही रह पाई। इसके बाद जयराम जी और बिंदल जी ने सुक्खू सरकार गिरने तथा भाजपा सरकार बनने की नई तारीखें देना बंद कर दी। भाजपा अब अपने अंदर के उफान को संभालने में लगी हुई है। ऑपरेशन लोटस के फेल होने के बाद उपजे कांटे अब भाजपा के पुराने वर्करों को चुभने लग पड़े हैं। जो भाजपा के तीन विधायक जीते वह भी भाजपा के अंदर हुए भीतरघात को लेकर हाईकमान को रिपोर्ट कर चुके हैं और जो भाजपा में आकर छः हारे उन्हें कम से कम 40 माह तक तो अब विधानसभा की दहलीज छूने का भी मौका भी नहीं मिलने वाला।
कई हुए चित्त तो कई हुए फिट
जी हां , डंके की चोट पर हम प्रदेश में हुए नौ विधानसभा उपचुनावों की फ्लैश बैक दिखा रहे हैं । नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर और भाजपा राज्य अध्यक्ष राजीव बिंदल ” प्रदेश सरकार गिर जाएगी …. प्रदेश सरकार गिर जाएगी …. का राग अलापते थकते नहीं थे। 9 में से कांग्रेस 6 सीटें जीत गई। हमीरपुर , बड़सर और धर्मशाला में आशीष शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल और सुधीर शर्मा अपने व्यक्तिगत रसूख से भाजपा की झोली में तीन सीटें दे पाए। लाहौल स्पीति में रवि ठाकुर की जमानत जब्त हुई तो देहरा में सीएम की पत्नी कमलेश ने होशियार सिंह की इस बार होशियारी न चलने दी। सुजानपुर में कैप्टन की चुनावी युद्धबंदी ने धूमल को हराने वाले राजेंद्र राणा को हरा दिया। गगरेट और कुटलैहड़ में भी चैतन्य और भुट्टो चित्त हुए। चैतन्य और भुट्टो पहली बार विधायक बने थे लेकिन जनता ने उन्हें उपचुनावों में बुरी तरह हरा घर बैठा दिया। अनुराधा और कमलेश दो नई महिला कांग्रेसी विधायक जीतकर सदन में पहुंची।
कांग्रेस का हर नेता यह तंज कस रहा है कि जय राम अब सरकार गिरने की तारीखों की भविष्यवाणी नहीं कर रहे हैं। यह उपदेश दिया जा रहा है कि उन्हें सरकार को रचनात्मक सहयोग देना चाहिए। कांग्रेस यह नॉरेटिव उस समय प्रसारित कर रही है जब सरकार के वित्तीय संकट को लेकर हर दिन स्थितियां गंभीर होती जा रही है। मुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और भूतल परिवहन मंत्री से मिलकर विभिन्न मुद्दों में प्रदेश को वित्तीय सहायता देने की गुहार लगा चुके हैं। इस गुहार पर केंद्र से क्या मिलता है इसका पता आने वाले दिनों में लगेगा। यदि केंद्र से कोई अतिरिक्त सहायता नहीं मिल पाती है तो सरकार को अपने कर्मचारियों को वेतन और पैन्शन का नियमित भुगतान कर पाना कठिन हो जाएगा। इस वित्तीय संकट के लिए पूर्व सरकार को दोषी ठहराया जा रहा है।
ऑपरेशन लोटस हुआ ठुस्स
एक ओर केंद्र से सहायता की गुहार लगाई जा रही है तो दूसरी और धनबल के सहारे ऑपरेशन लोटस चलाकर सुक्खू सरकार को गिराने के प्रयासों का आरोप लगाया जा रहा है। ऑपरेशन लोटस की जांच को जिस तेजी के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है उसके दस्तावेजी प्रमाण यदि सुक्खू सरकार सही में खोज लायी और अदालती परीक्षा में प्रमाणित कर पायी तो राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा और केंद्र सरकार की ऐसी फजियत होगी कि उसके नुकसान की भरपाई कर पाना भाजपा के लिए संभव नहीं रह जाएगा।