डंके की चोट पर : एनएच निर्माण कंपनी पर पॉलिटिकल आका मेहरबान, इसीलिए गिरने लग पड़े आस्था के मंदिर
रजनीश शर्मा। हमीरपुर
हमीरपुर से मंडी हाईवे नम्बर 3 अब आस्था के मंदिरों को भी अपने लपेटे में लेने लग पड़ा है। पहले कहीं इंगे तो कहीं दुकाने बेतरतीब वन रहे एनएच की चपेट में आए लेकिन अब तो मंदिर तक गिरने की कगार पर है।
निर्माण कम्पनी को इससे कोई फर्क पड़ता क्यो कि इनके आका ‘ हाई लेवल के पालिटिशयन हैं जो सत्ता पक्ष में केन्द्र में भी ऊंची पहुंच रखते हैं। हम बात कर है आस्था के केन्द्र पुराने शिव मंदिर गगेहड़ी की। यह मंदिर टौणी देवी आवाहादेवी रोड पर स्थित हैं। पंजोत वाईपास बनने से यह मंदिर अव गिरने की कगार पर है।
स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार इस मंदिर को बचाने की गुहार निर्माण कंपनी से लगाई लेकिन कोई सुनने को तैयार ही नहीं हुआ। अब स्थिति यह है कि ग्रामीणों ने तरपाल लगाकर मंदिर के पास से हो रही लैंड स्लाइडिंग रोकने का स्वयं प्रयास किया है। निर्माण कंपनी ने तिरपाल तक नहीं मुहैया करवाए। यहां मंदिर परिसर में बनी निर्वाण प्राप्त बाबाओं की समाधियां गिरने की कगार पर है ।
बेशक निर्माण कंपनी के खिलाफ मिडिया की खबरों के बाद कई मामले भी दर्ज हुए, मामला विधानसभा में भी गूंजा , कई विरोध प्रदर्शन हुए और कई जगह लोगों की भीड़ और कंपनी के अधिकारियों के बीच धक्का मुक्की भी हुई लेकिन कंपनी के कान पर कोई जूं तक न रेंगी। अब तो यह क्लियर है कि कोई राजनीतिक आका कंपनी को बचा रहा है। इसीलिए लोग भाड़ में जाए और आकाओं की जेब गर्म होती रहे।
आखिर लोगों का सब्र जब टूटेगा तो आक्रोश को संभालना मुश्किल हो जाएगा।