जम्मू-कश्मीर के डोडा में एनकाउंटर, आर्मी कैप्टन शहीद : 4 आतंकियों के मारे जाने की खबर
पोल खोल न्यूज़ | जम्मू कश्मीर
जम्मू-कश्मीर के डोडा में बुधवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में एक आर्मी कैप्टन शहीद हो गए। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एनकाउंटर में 4 आतंकियों की भी मारे जाने की खबर है। सेना ने बताया कि शहीद कैप्टन दीपक 48 राष्ट्रीय राइफल से हैं। वह डोडा में असार फॉरेस्ट एरिया में चल रहे एनकाउंटर में टीम को लीड कर रहे थे। बुधवार सुबह गोली लगने के बाद उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
सेना के मुताबिक, असार फॉरेस्ट एरिया में अभी भी एनकाउंटर जारी है। आतंकी जंगल में एक नदी के पास छिपकर फायरिंग कर रहे हैं। सुबह वे एनकाउंटर के दौरान भाग गए थे, वहां से एम-4 राइफल और तीन बैग में कुछ विस्फोटक भी मिला है।
उधर, जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं पर दिल्ली के साउथ ब्लॉक में रक्षा मंत्री ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। इसमें NSA अजीत डोभाल, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख शामिल हुए। बैठक की जानकारी सामने नहीं आई है।
बता दें की स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जम्मू में 3000 से अधिक सेना के जवान और BSF के 2000 जवान तैनात किए गए हैं। वहीं आतंकवाद से निपटने के लिए असम राइफल्स के करीब 1500-2000 जवान भी तैनात किए जा रहे हैं।
कठुआ में पुलिस ने 12 अगस्त को 8 ओवर ग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया है। जैश आतंकी मॉड्यूल के इन वर्कर्स ने 26 जून को डोडा में मारे गए 3 जैश के आतंकियों की मदद की थी। इन ओवर ग्राउंड वर्कर्स ने आतंकियों को बॉर्डर पार करने के बाद डोडा के जंगल और पहाड़ियों तक पहुंचाने में मदद की थी। उन्हें खाना भी मुहैया कराई थी।
पुलिस ने बताया कि इस आतंकी मॉड्यूल का सरगना मोहम्मद लतीफ था। वह कठुआ के अम्बे नाल इलाके में रहता था। जैश आतंकियों के हैडंलर्स से लतीफ ही मुख्य रूप से संपर्क करता था।
लतीफ ही तय करता था कि नेटवर्क में किसे शामिल करना है और किसे नहीं। गिरफ्तार किए गए लोगों में लतीफ के अलावा अख्तर अली, सद्दाम कुशल, नूरानी, मकबूल, लियाकत और कासिम हैं। ये सभी कठुआ के ही रहने वाले थे।