
हर्बल गार्डन नेरी से नादौन और ऊना के लिए अश्वगंधा के 6000 पौधे सप्लाई
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
आयुष विभाग के राज्य औषधीय पादप बोर्ड के तहत अश्वगंधा अभियान चलाया जा रहा है। हर्बल गार्डन नेरी हमीरपुर से अश्वगंधा के पौधे विभिन्न स्थानों पर पहुंचाए जा रहे हैं। 3000 पौधे जिला आयुर्वेदिक अधिकारी कार्यालय ऊना के लिए जीप के माध्यम से भेजे गए हैं। आयुष विभाग इन पौधों को आयुष स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों के माध्यम से क्षेत्र के हर घर में पहुंचने का काम करेगा। हर्बल गार्डन प्रभारी डॉ. कमल भारद्वाज ने कहा कि इससे पहले गत सप्ताह भी अश्वगंधा के 3000 पौधे हमीरपुर जिले के उपमंडल नादौन आयुष विभाग के उपमंडलीय कार्यालय के माध्यम से आयुष स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत लोगों को बांटे जा रहे हैं। हर्बल गार्डन नेरी में अश्वगंधा के हजारों पौधे तैयार किए गए हैं ताकि अभियान को सफल बनाया जा सके। यदि अन्य क्षेत्रों से भी मांग आती है तो उन्हें भी अश्वगंधा के पौधे उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। परियोजना अधिकारी एवं प्रभारी अनुसंधान संस्थान भारतीय चिकित्सा पद्धति जोगिंद्रनगर उज्जवल शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार से दिशा निर्देश प्राप्त होते ही राष्ट्रव्यापी अश्वगंधा अभियान की शुरुआत राज्य औषधि पादप बोर्ड के माध्यम से हिमाचल प्रदेश में जुलाई से जोगिंद्रनगर से की गई थी। इसके लिए बाकायदा 10 लाख की धनराशि जारी हुई थी। उसके बाद 6.68 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि भी दी गई थी। उसी के तहत फिलहाल इस अभियान को कामयाब बनाने का प्रयास संस्थान की ओर से किया जा रहा है।
अश्वगंधा के औषधीय गुणों की यदि बात करें तो पौधे में एंटी-ट्यूमर, फफूंदनाशी, कृमिनाशक, ऐंठन रोधी, तनाव रोधक, रोग प्रतिरोधक क्षमता वर्धक और ज्वर नाशक पित्त प्रवृत्ति वाले, त्वचा रोग, खारिश आदि बीमारी में उपयोगी औषधि के रूप में किया जाता है। अश्वगंधा की जड़ें औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। बचपन से लेकर मृत्यु तक व्यक्ति के जीवन काल में इसका औषधि के रूप में एक विशेष महत्व है। यहां तक कि इसके पत्ते और बीज भी औषधि के रूप में प्रयोग किए जा सकते हैं।