
डंके की चोट पर : सैंकड़ों पशु आज भी सड़कों पर, गौवंश को खुले में छोडऩे वालों पर हो सख्त कार्यवाही
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
हिंदू समाज में बेशक गऊ माता को माता का दर्जा दिया गया है और यह दर्जा महज कागजों तक सीमित लगता है। गौ वंश को खुले में छोडऩे वालों से सख्ती से निपटने की सख्त जरूरत है। यह व्यवस्था होनी चाहिए कि गाय को उसके मालिक ने कब छोड़ा और कितने समय यह गौ सदन में रही , इसका पूरा रिकार्ड पंचायत में भी उपलब्ध रहे।
गौसदनो के खोलने का चल पड़ा रिवाज
पिछले कुछ समय से गौ सदनों को खोलने का प्रचलन काफी बढ़ गया है, क्योंकि सरकार की ओर से उन्हें अनुदान दिया जाता है, लेकिन सच्चाई यह है कि इन गौ सदनों की हालत खराब है और इनकी कोई चैकिंग भी नहीं होती। प्रदेश में मौजूदा समय में करीब 261 गौ सदन हैं। इनमें से 198 गौ सदनों को अनुदान दिया जा रहा है। 198 में से 13 गौ सदन पशुपालन विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे हैं तथा 185 गौ सदनों का संचालन गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा प्रदेश सरकार से प्राप्त अनुदान से किया जा रहा है और शेष 63 गौ सदनों का संचालन गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा बिना किसी अनुदान के अपने स्तर पर किया जा रहा है।
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पहले से चल रहे गौसदनों की हालत सुधरे
सरकार को चाहिए कि नए गौ सदन की जगह जो गौ सदन चल रहे हैं, उनकी हालत सुधरे। एक पशु के लिए सरकार अभी सात सौ रुपए प्रति माह दे रही है गौवंश का मामला श्रद्धा से जुड़ा है। इस समस्या से निपटने को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि एक भी गाय सडक़ पर नहीं होनी चाहिए। इसके लिए बड़े स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है।
हमीरपुर जिला के यह हैं हालात
पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार हमीरपुर जिला में इस समय 28 गौसदन संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें लगभग 2285 पशु रखे गए हैं। इनमें से पंजीकृत 26 गौसदनों के लगभग 2071 पशुओं को गौसेवा आयोग के माध्यम से हर माह प्रति पशु 700 रुपये की दर लगभग 6 करोड़ रुपये की धनराशि दी जा चुकी है। इनके अलावा ढांचागत विकास के लिए भी अलग से धनराशि का प्रावधान किया गया है । इसके बावजूद सैंकड़ों गौ वंश सड़कों पर घूम रहा है। गौ वंश ने खेतों को उजाड़ कर रख दिया है। इन लावारिस घूम रहे गौवंश को भी सरकार का सरंक्षण और प्रशासन की देखरेख की सख्त जरूरत है। डंके की चोट पर कहा जा सकता है कि लावारिस घूम रहे गौवंश की समस्या इतनी आसानी से हल होने वाली नहीं जितनी जल्दी में दावे किए जा रहे हैं।