
मस्जिद के खिलाफ हिंदूवादी संगठनों के उग्र प्रदर्शन के सामने पुलिस की एक हफ्ते की तैयारी छह मिनट में धड़ाम, टूटी धारा-163
पोल खोल न्यूज़। शिमला
हिमाचल प्रदेश के संजौली मस्जिद के खिलाफ हिंदूवादी संगठनों के उग्र प्रदर्शन के सामने पुलिस और जिला प्रशासन की एक हफ्ते की तैयारी महज छह मिनट में धड़ाम हो गई। प्रदर्शन करने वाले लोगों को संजौली बाजार में आने से रोकने के लिए पुलिस की भारी भरकम बैरिकेडिंग काम आई न फ्लैग मार्च। बता दें कि संजौली क्षेत्र में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 लागू की गई थी, जिसे प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया। प्रशासन प्रदर्शनकारियों के सामने बेबस नजर आया।
वहीं, प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ पुलिस के बनाए बैरिकेड्स के गढ़ में सेंध लगाई बल्कि मस्जिद क्षेत्र से चंद मीटर दूर पहुंचकर घंटों तक प्रदर्शन भी किया। सैकड़ों प्रदर्शनकारी सुबह 9:30 बजे ही ढली सब्जी मंडी के पास जुटना शुरू हो गए। पुलिस को भी इनकी मूवमेंट की पहले से सूचना थी। इसीलिए प्रदर्शनकारियों को संजौली बाजार में घुसने से रोकने के लिए ढली की नई और पुरानी दोनों सुरंगों के प्रवेशद्वार पर भारी बैरिकेडिंग कर दी थी। बड़े-बड़े बैरिकेड्स लोहे के पाइप के साथ इस तरह खड़े किए थे कि इसे भेदना मुश्किल दिख रहा था। पुलिस की योजना थी कि ढली टनल से ही प्रदर्शनकारियों को लौटने पर मजबूर किया जाए।
उधर, ढली सब्जी मंडी से संजौली की ओर रवाना हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारी दोपहर 12:05 बजे ढली टनल पहुंचे। पहले बैरिकेड्स हटाने की मांग करने लगे। जमकर नारेबाजी भी हुई। जब बैरिकेड्स नहीं हटे तो लोग इस पर चढ़ने लगे। पुलिस से धक्का-मुक्की शुरू हो गई। हालात तनावपूर्ण होता देख और जवान बैरिकेड्स संभालने पहुंचे। संजौली बाजार में जाने के लिए अड़े लोगों ने एक साथ बैरिकेड्स को हटाना शुरू कर दिया। महज छह मिनट यानि 12:11 बजे पुलिस के भारी भरकम बैरिकेड्स धड़ाम हो गए। प्रदर्शनकारी इनके ऊपर से टनल से होते हुए संजौली बाजार की ओर रवाना हुए। बैरिकेड्स हटने के बाद पुलिस ने यहां लोगों पर बल प्रयोग नहीं किया और खुद ही पीछे हटने को मजबूर हो गई।
बता दें कि ढली टनल से संजौली बाजार पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद से करीब 50 मीटर दूर सड़क पर घंटों तक उग्र प्रदर्शन किया। मस्जिद जाने वाली सीढि़यों से प्रदर्शनकारी अंदर न घुसे, इसके लिए यहां सभी जवान इकट्ठा हुए। भारी बैरिकेडिंग, पानी की बौछारों और लाठीचार्ज के जरिये प्रदर्शनकारियों को मस्जिद परिसर की ओर नहीं जाने दिया गया। पुलिस के कई आलाधिकारी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन किसी की भीड़ को शांत करने की हिम्मत नहीं हुई।
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सरकार का खुफिया तंत्र पूरी तरह से नाकाम रहा। वहीं, मस्जिद से जुड़े इस संवेदनशील मामले में हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए सीआरपीएफ तक नहीं बुलाई गई। पुलिस बटालियन के सैकड़ों जवान तो संजौली में तैनात किए गए लेकिन उग्र भीड़ के सामने यह व्यवस्था नाकाफी दिखी। इससे पहले पुलिस ने मंगलवार रात बाजार में फ्लैग मार्च कर संजौली बाजार में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होने का दावा किया था।
नेताओं को पहले पकड़ा, फिर छोड़ दिया
संजौली चौक पर प्रदर्शन करने पहुंचे हिंदू जागरण मंच के पूर्व महामंत्री कमल गौतम को पुलिस ने सुबह 11:50 बजे ही हिरासत में ले लिया। इसके बाद चौक पर नारेबाजी करते हुए पहुंचे सिविल सोसायटी के कई पदाधिकारी भी हिरासत में लिए गए। इनमें सोसायटी के हरिदत्त, बिलासपुर के रंजीत सिंह भी हिरासत में लिए गए। हालांकि, इन नेताओं को हिरासत में लेने के बाद कुछ दूर जाकर पुलिस ने छोड़ दिया।