कृषि कानूनों पर मेरे विचार निजी, पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं : कंगना रणाैत
पोल खोल न्यूज़ | मंडी
वर्ष 2021 में निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाने संबंधी अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहीं भाजपा सांसद कंगना रणाैत ने बुधवार को कहा कि विवादास्पद कानूनों पर उनके विचार निजी हैं और पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश भाजपा ने भी मंडी सांसद के बयान से दूरी बना ली है।एक्स पर एक पोस्ट में कंगना ने लिखा, ‘किसान कानूनों पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।’ मंगलवार को मंडी जिले में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कंगना ने कहा था कि तीन कृषि कानूनों का विरोध केवल कुछ राज्यों में हुआ है। उन्होंने कहा था, ‘किसान भारत की प्रगति में ताकत का स्तंभ हैं। केवल कुछ राज्यों में, उन्होंने कृषि कानूनों पर आपत्ति जताई थी। मैं हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि किसानों के हित में कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए।’
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Do listen to this, I stand with my party regarding Farmers Law. Jai Hind 🇮🇳 pic.twitter.com/wMcc88nlK2
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 25, 2024
उन्होंने कहा था कि देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है और कृषि कानूनों को बहाल करने से किसानों के लिए बेहतर वित्तीय स्थिरता और विकास सुनिश्चित होगा, जिससे अंततः कृषि क्षेत्र को लाभ होगा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह टिप्पणी इस बात का संकेत है कि सत्तारूढ़ पार्टी तीनों कानूनों को वापस लाने के प्रयास कर रही है और कहा कि हरियाणा इसका मुंहतोड़ जवाब देगा। रणाैत की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राजनीतिक दल 5 अक्तूबर को हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहे हैं। हरियाणा में किसानों की ओर से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखा गया था। खासकर दिल्ली की सीमाओं पर तीन कानूनों को निरस्त करने की मांग की गई थी। कानूनों को अंततः 2021 में मोदी सरकार की ओर से वापस ले लिया गया था।
कंगना ने जताई थी विवाद होने की आशंका
#WATCH | BJP leader Gaurav Bhatia says, "On the social media platforms, BJP MP Kangana Ranaut's statement on the farm bills that was withdrawn by central govt, is going viral. I want to make it clear that this statement is a personal statement of her. Kangana Ranaut is not… pic.twitter.com/hZmJ8j7Qf8
— ANI (@ANI) September 24, 2024
दरअसल कृषि कानून वापस लाने की पैरवी करते हुए कंगना ने कहा था कि “हो सकता है ये विवादित बयान हो लेकिन किसान हमारे देश के विकास का प्रमुख हिस्सा हैं। केवल कुछ एक राज्यों ने इन कृषि कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी। मैं किसानों से हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि इन कृषि कानूनों को वापस लाने के लिए वह खुद आगे आएं और इनकी मांग करें।”