
संजौली मस्जिद विवाद: वाम दल और सहयोगियों का सद्भावना मार्च आज
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
वाम दलों के शिमला फॉर पीस एंड हार्मनी बैनर तले आयोजित किए जा रहे शांति व सद्भावना मार्च पर देवभूमि संघर्ष समिति ने सवाल उठाए हैं। संघर्ष समिति ने कहा है कि जब ऊना में नाबालिग प्रार्ची राणा का गला रेत कर उसकी हत्या की गई थी, तब ये सद्भावना कहां थी? साथ ही समिति ने मनोहर हत्याकांड, राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड व दलित स्कूली छात्र की चाकू मार कर हत्या कर देने वाले मामले को उठाकर पूछा है कि उस समय सद्भावना रैली क्यों नहीं की गई? वहीं, देवभूमि संघर्ष समिति भी शनिवार को प्रवासियों के पंजीकरण व अवैध मस्जिदों के निर्माण का मुद्दा उठाते हुए विरोध प्रदर्शन करेगी। उधर, संजौली की मस्जिद में शोएब जमई के आने और वीडियो बनाने के मामले के बाद उपजे तनाव के बीच शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा में मस्जिद में नमाज होगी। नमाज में प्रवेश आधार कार्ड देखकर दिया जाएगा।
अगस्त महीने के आखिर में संजौली से कुछ ही दूर एक अन्य उपनगर मल्याणा में दो समुदायों के बीच मारपीट का मामला सामने आया था। उस मारपीट के बाद समुदाय विशेष के आरोपी मस्जिद में आकर छिप गए थे, ऐसा आरोप मल्याणा के एक वार्ड के पार्षद नीटू ठाकुर व अन्य लोगों ने लगाया था। तब मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ और मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग हुई। उसके बाद 11 सितंबर को संजौली में देवभूमि संघर्ष समिति ने भारी विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था। लाठीचार्ज से भडक़े हिंदू संगठनों ने प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शनों की झड़ी लगा दी।
उधर, एमसी शिमला की रेवेन्यू कोर्ट में मस्जिद की अवैध मंजिलों को लेकर सुनवाई हुई और 5 अक्टूबर की अगली तारीख को फिर से मामला लगा हुआ है। समिति मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को गिराने की मांग कर रही है। वहीं, वाम दलों का कहना है कि फैसला कोर्ट में होगा न कि सड़कों पर। इस बीच, आज सद्भावना मार्च का आयोजन किया जा रहा है, जिस पर संघर्ष समिति ने सवाल उठाए हैं। तनाव को देखते हुए पुलिस बलों को अतिरिक्त चौकसी के निर्देश दिए गए हैं।