आज लग रहा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण, जानें कौन से कार्य करें और कौन से नहीं
पोल खोल न्यूज़ डेस्क | हमीरपुर
साल 2024 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण आज 2 अक्टूबर 2024 बुधवार को लग रहा है। यह सूर्यग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लगेगा। जानकारों के मुताबिक इस सूर्य ग्रहण का काफी महत्व है क्योंकि आज सर्वपितृ अमावस्या भी है। आज के दिन पूर्वज 16 दिन धरती पर रहकर वापस बैकुंठ धाम लौट जाते हैं। इस ग्रहण को लेकर सभी के मन में कई बातें उठ रही हैं। आइये जानते हैं सूर्य ग्रहण 2024 से संबंधित जरूरी बातें।
बता दें कि साल 2024 का अंतिम सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस वजह से यहां सूतक के नियम लागू नहीं होंगे। भारतीय समय के अनुसार सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर की रात 9 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और इसकी समाप्ति 3 अक्टूबर को 3 बजकर 17 मिनट पर होगी।
उन्होंने आगे कहा कि हिंदू शास्त्र में सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले से सूतक काल के नियम लागू हो जाते हैं, लेकिन भारत में दिखाई नहीं देने के चलते यहां सूतक के कोई भी नियम नहीं माने जाएंगे। उन्होंने बताया कि जातक मंदिर जाकर देवी-देवताओं की पूजा कर सकते हैं। किसी भी प्रकार के डरने की कोई बात नहीं है।
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यह भी जानें
खगोलशास्त्रियों के मुताबिक जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती, जिससे पृथ्वी का एक भाग अंधेरे में डूब जाता है. इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं।
ग्रहण के दौरान यह कार्य नहीं करें
ग्रहण के दौरान जातकों को कुछ कार्य नहीं करने चाहिए…..
- सूतक काल के शुरू होते ही मंदिरों में पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए, देवी-देवताओं की प्रतिमा को कतई न छुएं।
- ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का भोजन ना बनाएं. अगर कुछ बना हुआ है तो उसमें तुलसी के पत्तें जरूर डालें।
- इस दौरान कुछ भी खाने से बचें।
- सुनसान जगहों और श्मशान जैसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए।
- किसी भी तरह के नए काम की शुरुआत ना करें।
- इस समय किसी भी पौधे का स्पर्श ना करें।
सूर्य ग्रहण 2024 के दौरान यह काम करें
- सूर्य ग्रहण के समय केवल मंत्रों का जाप करें।
- ग्रहण की समाप्ति के बाद स्वच्छ जल से स्नान करें
- उसके बाद गरीबों को दान दें।
- पूरे घर की सफाई करें।
ग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप
1.ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो : सूर्य: प्रचोदयात।
2. ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:।
3. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
4. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
5. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।
6. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
7. विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
8. तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
9. ॐ सूर्याय नम:।
10. ॐ घृणि सूर्याय नम:।
11. ॐ हिरण्यगर्भाय नम:।
सूर्य मंत्र के लाभ
इन मंत्रों का जाप आप करते समय आप लाल चन्दन, रुद्राक्ष या कमल गट्टे की माला का उपयोग कर सकते है। यदि आपके पास सूर्य देव की चित्र या तस्वीर है तो आप उसके सामने बैठकर मंत्र जाप कर सकते हैं। इन मंत्रों के जाप से सूर्य ग्रहण का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। साथ ही यश, कीर्ति और मान-सम्मान का लाभ होता है। कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर हो तो भी इन मंत्रों प्रयोग बहुत लाभकारी साबित होता है। यह मंत्र आर्थिक उन्नति भी कराते हैं।
डिस्क्लेमर : इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। पोल खोल न्यूज़ यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं।