
Himachal : हमीरपुर शहर में नहीं मनाया जा रहा दशहरा उत्सव, जानें वजह
पोल खोल न्यूज़ डेस्क | हमीरपुर
देशभर समेत हिमाचल प्रदेश में भी आज धूमधाम से दशहरा पर्व मनाया जा रहा है। शाम के समय प्रदेशभर में रावण दहन किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के एक जिला ऐसा भी है, जहां पर रावण दहन नहीं होगा। प्रदेश के बाकी जिलों और शहरों की तरह यहां पर जिला स्तरीय दशहरा उत्सव नहीं मनाया जाता है और न ही यहां पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के हमीरपुर शहर में दशहरा पर्व नहीं मनाया जा रहा है और न ही यहां पर विजयदशमी का उत्सव मनाने को लेकर कोई तैयारी की गई है। पिछले 3 सालों से यहां पर दशहरे का त्योहार नहीं मनाया जा रहा है। हालांकि हमीरपुर शहर में राम नाटक क्लब द्वारा भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है, लेकिन यहां पर रावण दहन नहीं किया जाता है। शहरवासियों ने यहां भी दशहरा पर्व मनाने की प्रशासन से अपील की है।
हमीरपुर शहर के स्थानीय लोगों का कहना है कि हमीरपुर शहर में पिछले 3 से 4 सालों में दशहरे का आयोजन नहीं किया जा रहा है। ये हमारा धार्मिक त्योहार है। हम सरकार और जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि हमीरपुर में भी दशहरे का आयोजन किया जाना चाहिए।
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हाईकोर्ट के आदेश के बाद बंद हुआ रावण दहन
दरअसल हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश हैं कि स्कूल के मैदानों में सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो सकते हैं, जिसके चलते हमीरपुर शहर में पिछले तीन सालों से रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले नहीं जलाए जाते हैं। हमीरपुर का जिला स्तरीय दशहरा उत्सव स्कूल मैदान में मनाया जाता था। ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले के बाद से स्कूल मैदान में दशहरा उत्सव नहीं मनाया जा रहा है। वहीं, शहर के व्यापारियों और लोगों का कहना है कि हमीरपुर में भी अन्य शहरों की तरह दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए।
वहीं, दशहरा कमेटी हमीरपुर के पूर्व प्रधान दीप बजाज का कहना है कि हमीरपुर शहर में दशहरे का सबसे बड़ा पर्व मनाया जाता था। तीन सालों से अब तक हाईकोर्ट के आदेशों के बाद बाल स्कूल के मैदान में गतिविधियां नहीं हो पा रही है। इसके साथ ही बाल स्कूल मैदान में कोरियन ग्रास लगाए जाने से भी मैदान में कोई कार्यक्रम नहीं हो पा रहा है।