
Kullu Dussehra : कुल्लू के बिजली महादेव मंदिर का दशहरा से है खास संबंध
पोल खोल न्यूज़ डेस्क | कुल्लू
कुल्लू के बिजली महादेव मंदिर का दशहरा से खास संबंध है। यहां हर साल दशहरा के दौरान सात दिनों तक अस्थायी शिविर लगाया जाता है और भगवान बिजली महादेव को लोरियां सुनाई जाती हैं। हालांकि, कोरोना महामारी के कारण साल 2020 में इस परंपरा का पालन नहीं किया जा सका था। बिजली महादेव की दशहरा में अहम भूमिका रहती है। भगवान रघुनाथ की रथयात्रा में बिजली महादेव पहले पायदान पर बायीं तरफ चलते हैं। लंका दहन में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। शनिवार शाम को देवता रघुनाथ की नगरी पहुंचे जहां पर देवता का भव्य स्वागत किया गया।
कुल्लू के ढालपुर मैदान में इन दिनों अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की धूम है। सैकड़ों देवी-देवता ढालपुर मैदान में अपने-अपने अस्थाई शिविरों में विराजमान हैं। देवी-देवताओं की उपस्थिति से ढालपुर मैदान का पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है। रोजाना हजारों श्रद्धालु देवी-देवताओं के शिविर में जाकर दर्शन कर रहे हैं। वहीं, ढालपुर मैदान में शिव परिवार भी भक्तों को दर्शन दे रहा है। भगवान शिव, माता पार्वती और गणपति के दर्शन एक ही जगह पर हो रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए बिजली महादेव खराहल घाटी से आए हैं, तो वहीं, मणिकर्ण घाटी के चोंग गांव से भी माता पार्वती यहां पर विराजमान हुई हैं। जिला कुल्लू की उझी घाटी से भगवान गणपति भी अपने हरियानों के साथ दशहरा उत्सव में पहुंचे हैं। तीनों देवी-देवता एक साथ भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। ढालपुर अस्पताल के समीप शिविर में हर दिन भजन कीर्तन का आयोजन हो रहा है और श्रद्धालुओं के लिए भी भोजन की व्यवस्था की जा रही है। ऐसे में शिव शक्ति व गणेश के दर्शन के साथ-साथ श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं भी मांग रहे हैं। हर दिन सुबह-शाम तीनों देवी-देवताओं के शिविर में पूजा अर्चना की जा रही है और रात के समय भजन कीर्तन किया जा रहा है।
गौरतलब है कि भगवान बिजली महादेव का मंदिर खराहल घाटी में स्थित है और माता पार्वती मणिकर्ण घाटी के चोंग गांव में अपने मंदिर में विराजमान रहती हैं। भगवान गणपति उझी घाटी के घुड़दौड़ गांव में अपने मंदिर में विराजमान रहते हैं। वहीं, कार्तिक स्वामी भी मनाली के सिमसा गांव में विराजमान रहते हैं। कार्तिक स्वामी ढालपुर स्कूल के मैदान में अपने अस्थाई शिविर में विराजमान हैं। इन चारों देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को अलग-अलग इलाके का रुख करना पड़ता है, लेकिन दशहरा उत्सव में सात दिनों तक भगवान बिजली महादेव, माता पार्वती, भगवान गणेश एक जगह पर ही श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं।