डंके की चोट पर : दियोट के बकरे और बाबा के रोट में खोट , भक्तों की आस्था पर गहरी चोट
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध इन दिनों खूब चर्चा में है। यहां दियोट को चढ़ाए जाने बकरों की नीलामी और बाबा के लिए चढ़ाए जाने वाले रोट में खोट निकल आया है। इससे भक्तों की आस्था पर गहरी चोट लगी है। बाबा बालक नाथ स्वयं तो पौणाहारी है। उनके लिए बड़ी श्रद्धा से रोट चढ़ाए जाते हैं । दियोट नामक राक्षस जिसे बाबा ने गुफा से बाहर स्थान दिया , बकरे उसके लिए चढ़ते हैं । यहां रोट में खोट और बकरों की नीलामी में धांधली सामने आई है। प्रशानिक अधिकारियों की देखरेख में ट्रस्ट के तहत अगर ऐसा हो रहा है तो बात चिंतनीय है। व्यवस्थाएं बिगाड़ने वाले दंडित होने चाहिए ताकि दोबारा ऐसी गलती करने का कोई दुस्साहस ही न कर सके। अपनों को बचाने की कुनीति हावी हुई तो सारी जांच फाइलों में दब जाएगी।
बकरा नीलामी कांड
बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में कुछ दिन पहले हुई बकरों की नीलामी में धांधली में अब मंदिर अधिकारी की लापरवाही उजागर हुई है। एसडीएम बड़सर एवं मंदिर न्यास अध्यक्ष राजेंद्र गौतम ने बकरा नीलामी के दिन मंदिर अधिकारी तथा अन्य कमेटी सदस्यों के अवकाश पर रहने का लिखित स्पष्टीकरण मांगा है।
ये भी पढ़ें: हिमाचल के इस जिले में मां बनने के सुख को और आरामदायक बना रहा बर्थ वेटिंग होम
मंदिर की छवि प्रभावित
मंदिर न्यास अध्यक्ष ने साफ शब्दों में कहा है कि बकरा नीलामी के दिन मंदिर अधिकारी ने अपने कर्त्तव्य के प्रति घोर लापरवाही दिखाई है जिससे मंदिर की छवि धूमिल हुई है। उन्होंने मंदिर अधिकारी को 3 दिन के भीतर अपना लिखित स्पष्टीकरण देने के आदेश जारी किए हैं। निर्धारित समय अवधि में उत्तर न देने पर नियमानुसार विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है।
बाबा के रोट के सैंपल ट्रस्ट की कैंटीन में ही फैल हुए
तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में मिलावट को लेकर विवाद के बाद अब कई मंदिरों के प्रसाद पर भक्तों की नजर टिकी हुई है। देश के प्रसिद्ध मंदिरों की संस्थाएं और ट्रस्ट इस मामले में अब सावधानी बरत रही हैं। इस सबके बीच हिमाचल के हमीरपुर के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ दियोटसिद्ध में स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर के प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर अब सवाल उठ रहा है।
दरअसल हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ दियोटसिद्ध में स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में चढ़ाए जाने वाले रोट (प्रसाद) की गुणवत्ता पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि कंडाघाट लैब ने इसको लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की है। लैब द्वारा जांचे गए रोट(प्रसाद) के सैंपल के चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। जांच रिपोर्ट में रोट की गुणवत्ता स्वास्थ्य मानकों पर खरी नहीं उतरी है और इसे खाने के लिए सुरक्षित नहीं माना गया है।
ये भी पढ़ें: Maharashtra Election Update : रुझानों में महायुति गठबंधन को बंपर बहुमत
अक्टूबर में फूड एंड सेफ्टी विभाग की टीम ने मंदिर की कैंटीन और अन्य दुकानों में निरीक्षण कर रोट के सैंपल इकट्ठे किए थे। जांच रिपोर्ट में रोट के सैंपल फेल पाए गए हैं, जिससे मंदिर प्रशासन के लिए चुनौती पैदा हो गई है।
बासीपन रेंसिडिटी का मामला सामने आया
खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त अनिल शर्मा ने कहा कि पिछले दिनों तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद (लड्डू) में मिलावट का मामला सामने आया था। उसी की तर्ज पर हमने कुछ मंदिरों से जांच के लिए सैंपल इकट्ठे कराए थे। दियोटसिद्ध में स्थित मंदिर से हमने रोट (प्रसाद) की गुणवत्ता के लिए सैंपल भरवाए थे। रोट (प्रसाद) की रिपोर्ट चौंकाने वाली आई है और यह स्वास्थ्य मानकों पर फेल हुई है। उसमें बासीपन रेंसिडिटी का मामला सामने आया है। इसमें आगे की कार्रवाई करेंगे। मंदिर में अन्य लोग जो रोट बनाते हैं, हम उनसे गुजारिश करेंगे वो इस पर ध्यान दें। विभाग इस पर कार्रवाई करेगा।