
हिमाचल में होम स्टे संचालकों को बड़ी राहत, सीएम सुक्खू ने दिए नए नियम बनाने के आदेश
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश के हजारों होम स्टे संचालकों के लिए राहत भरी खबर आई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पर्यटन विभाग को नए सिरे से नियम बनाने के आदेश दिए हैं, जिससे होम स्टे व्यवसाय को बढ़ावा मिल सके और संचालकों को किसी तरह की परेशानी न हो। पर्यटन विभाग ने हाल ही में होम स्टे संशोधन को लेकर एक नया ड्राफ्ट तैयार किया था, लेकिन संचालकों को इसमें कई खामियां नजर आईं। होम स्टे मालिकों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नियमों को अंतिम रूप देने से पहले संचालकों से फीडबैक लिया जाए।
बता दें कि होम स्टे संचालकों ने हालिया संशोधनों पर कड़ी आपत्ति जताई थी, जिनमें पंजीकरण शुल्क में बढ़ोतरी यानि शहरी क्षेत्रों में शुल्क बढ़ाकर ₹12,000 कर दिया गया था। व्यावसायिक दरों पर बिजली-पानी देने का निर्णय। सभी होम स्टे के लिए जीएसटी नंबर अनिवार्य किया गया।
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वहीं, संचालकों ने मांग की है कि पंचायती क्षेत्रों में पंजीकरण शुल्क 50% कम किया जाए। बिजली और पानी घरेलू दरों पर उपलब्ध कराया जाए। जीएसटी अनिवार्यता खत्म की जाए। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मानक तय किए जाएं। पंचायती क्षेत्रों के एनएच और फोरलेन किनारे के होम स्टे को शहरी श्रेणी में न रखा जाए।
स्वरोजगार के लिए होम स्टे योजना
हिमाचल सरकार ने 2008 में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के लिए होम स्टे योजना शुरू की थी। वर्तमान में प्रदेश में 4289 होम स्टे पंजीकृत हैं, जिनमें 17,222 कमरे और 26,727 बेड कैपेसिटी है। सबसे अधिक 1040 होम स्टे कुल्लू में हैं, जबकि शिमला में 805, लाहौल-स्पीति में 718 और कांगड़ा में 431 होम स्टे संचालित हो रहे हैं।
सरकार का आश्वासन
मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि होम स्टे योजना को संचालकों के हित में और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा ताकि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिले और लोग आत्मनिर्भर बन सकें। संशोधित नियम जल्द ही संचालकों की राय लेने के बाद अधिसूचित किए जाएंगे।