
हिमाचल प्रदेश में अगले महीने से होगी बीपीएल सूची की समीक्षा
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश में बीपीएल सूची से बाहर पात्र परिवारों के लिए राहत भरी खबर हैं। प्रदेश भर में दो साल बाद अप्रैल महीने में बीपीएल सूची की समीक्षा होने जा रही है, जिसके लिए सरकार ने नए मापदंड तय किए है। इन मापदंडों पर खरा उतरने वाले ऐसे अपात्र परिवार अब बीपीएल सूची से बाहर होंगे, जो पिछले कई सालों से गलत तरीके से सरकार की तरफ से गरीब परिवारों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
वहीं अन्य निर्धारित नए मापदंडों के साथ आय सीमा को आधार मानकर पात्र परिवारों को BPL सूची में शामिल किया जाएगा। प्रदेश में अभी तक BPL परिवारों की सूची में शामिल होने के लिए आय सीमा सालाना 30 हजार रुपए है, जिसका दायरा बढ़ाकर अब 1.50 लाख किया गया है। बशर्ते ऐसे परिवार वालों के पास अपनी कोई गाड़ी या शहरी किस्म का पक्का मकान न हो। इसके साथ ही परिवार से कोई सरकारी नौकरी पर न हो। प्रदेश में लगातार बढ़ रही प्रति व्यक्ति आय को देखते हुए सरकार ने BPL सूची के लिए सालों से निर्धारित आय सीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया हैं। वहीं ग्राम सभा से तैयार होने वाली बीपीएल सूची का सत्यापन अब संबंधित क्षेत्रों के बीडीओ और एसडीएम करेंगे।
सरकार ने BPL परिवारों के चयन को लेकर पारदर्शिता बरतने के लिए कई अन्य नए मापदंड भी तय किए हैं। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की और से तय किए गए मापदंडों पर 9 जनवरी को आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में मुहर लग चुकी है, जिसके तहत सरकार ने महिला मुखिया वाले परिवार, 50 फीसदी या इससे अधिक मुखिया की विकलांगता वाले परिवार, पिछले वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत कम से कम 100 दिन का रोजगार प्राप्त करने वाले परिवार, इस तरह के परिवार जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी या थैलेसीमिया से पीड़ित हैं या जिसके कारण स्थायी विकलांगता हो सकती है, ऐसे सभी परिवार प्राथमिकता के आधार पर BPL सूची में शामिल किए जाएंगे।
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केंद्र ने हिमाचल के लिए BPL सूची में शामिल करने के लिए कोटा तय किया है, जिसके तहत प्रदेश में 2,82,370 परिवारों को ही बीपीएल सूची में शामिल किया जा सकता है। वहीं, वर्तमान में अभी 2 लाख 66 हजार 304 परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं। ऐसे में केंद्र के कोटे के मुताबिक 16,066 नए परिवारों को भी अभी BPL सूची में और जोड़ा जा सकता है। आपको बता दें कि केंद्र से निर्धारित कोटे की उपलब्धता के हिसाब से ही अन्य नए परिवारों को भी सूची में शामिल किया जा सकता है, लेकिन पिछली साल लोकसभा चुनाव सहित प्रदेश विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव के ऐलान से 16 मार्च को आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई थीं, जिस कारण पिछले साल हिमाचल में अप्रैल महीने में आयोजित होने वाली ग्रामसभा की बैठकों आयोजित नहीं की जा सकी। ऐसे में प्रदेशभर में अब दो सालों से BPL परिवारों की सूची की समीक्षा होने जा रही हैं।
हिमाचल में BPL परिवारों को सरकार डिपुओं के जरिए सस्ते राशन, अस्पतालों में फ्री इलाज, नौकरी में प्राथमिकता, बिजली का फ्री मीटर लगाने, आवास के लिए वित्तीय सहायता सहित कई तरह सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन प्रदेश में दो सालों सेे BPL परिवारों की सूची की समीक्षा नहीं हुई है। ऐसे में बहुत से अपात्र परिवार इन सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। दो साल की इस अवधि में BPL सूची में शामिल परिवारों से कई सदस्य आउट सोर्स सहित विभिन्न विभागों में सरकारी क्षेत्र में नौकरी पर लगे हैं। इसके अलावा कई परिवारों से युवा प्राइवेट नौकरी में लगने के बाद अच्छी सैलरी प्राप्त कर रहे हैं। कई परिवारों ने अब चार पहिया वाहन खरीद लिए हैं। किसी ने शहरी सुविधाओं वाले पक्के घर बना लिए हैं, जिस कारण ये BPL परिवारों को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ लेने के लिए अपात्र हो गए हैं, लेकिन कई महीनों से BPL परिवारों की समीक्षा न होने के कारण ऐसे परिवारों को सूची से बाहर नहीं किया जा सका है। ऐसे में अब अगले महीने यही अप्रैल में BPL सूची की समीक्षा होने जा रही हैं, जिससे पात्र परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल होने का अवसर मिलेगा।