
गुठलीदार फलों में मिठास भरेगी मेलीफेरा मधुमक्खी, हिमाचल पहुंचे 300 बाॅक्स
पोल खोल न्यूज़ | कुल्लू
हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू व साथ लगते क्षेत्रों में इन दिनों में प्लम के पौधों में फूल खिले हुए हैं। फ्लावरिंग के बाद अच्छे से सेटिंग हो, इसके लिए बागवानों के लिए पॉलीनेशन के लिए मधुमक्खियों का सहारा लिया जाएगा। राजस्थान से लाई गई मेलीफेरा-मधुमक्खी न केवल पॉलीनेशन का काम करेगी, बल्कि गुठलीदार फलों में मिठास भी भरेगी। सूबे में राजस्थान से शुरूआती दौर में 300 मधुमक्खी के बॉक्स पहुंच गए हैं। इन्हें बागवानों को डिमांड के अनुसार दिया जाएगा। आने वाले दिनों में मधुमक्खियों की और खेप भी जिले में पहुंच जाएगी। पॉलीनेशन के लिए मधुमक्खियां बेहतर विकल्प मानी जाती हैं, ऐसे में फ्लावरिंग के दौरान सेटिंग के लिए बगीचों में मधुमक्खियों के बॉक्सों को रखा जाता है। गुठलीदार फलों के बाद नाशपाती और फिर सेब में फ्लावरिंग होगी। ऐसे में अप्रैल-मई तक मधुमक्खियां सूबे की सेब बेल्ट में ही रहेंगी।
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हिमाचल के पड़ोसी राज्यों से ही पॉलीनेशन के लिए मधुमक्खियों को लाया जाता है। खास बात यह है कि राजस्थान से मेलीफेरा किस्म की मधुमक्खियों को पॉलीनेशन के लिए कुल्लू की वादियों में पहुंचा दिया है। करीब 300 बॉक्स कुल्लू पहुंच चुके हैं। आगवानों को उचित दामों पर पॉलीनेशन के लिए यह मधुमक्खी के बॉक्स दिए जाएंगे।
मधुमक्खियों का एक बॉक्स बागवानों को 1000 रूपये उपलब्ध करवाया जाएगा। कुल्लू जिले में सेब सीजन के दौरान करीब 20 हजार से अधिक मधुमक्खियों के बॉक्सों की आवश्यकता रहती है। बागवानी विशेषज्ञों के मुताबिक पॉलीनेशन में मधुमक्खियों का अहम रोल होता है। मेलीफेरा मधुमक्खी पॉलीनेशन के लिए बेहतर मानी जाती है। यह अन्य किस्म की मधुमक्खी सिराना के मुकाबले पॉलीनेशन बेहतर तरीके से करती है। इसके परिणाम बेहतर रहते हैं। मेलीफेरा मधुमक्खी की डिमांड अधिक होती है।