
विमल नेगी मौत मामले को लेकर विधानसभा में हंगामा, विपक्ष ने किया वाकआउट
पोल खोल न्यूज़ | धर्मशाला
हिमाचल विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान सदन में HPPCL के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में जमकर हंगामा हुआ। मामले पर चर्चा को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा। वहीं, विपक्ष के सदस्यों ने मुख्य अभियंता विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में विधानसभा अध्यक्ष को स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। शोकोद्गार के बाद सारी कार्यवाही रोककर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि इस मामले में सीबीआई जांच हो। अधिकारियों का स्थानांतरण काफी नहीं है। अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए। निदेशक देसराज का निलंबन किया गया है, मगर बाकी लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अभी तक निदेशक देस राज को ही निलंबित करने की जानकारी है। इस बारे में अभी तक का स्टेट्स क्या है, इसे जानना चाहते हैं। इस मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई से ही करवाने की सरकार संस्तुति करे। अधिकारी पर काम का अत्यधिक दबाव था। निदेशक देस राज को पांच लोगों को सुपरसीड करके बनाया गया। उससे लगता है कि सरकार का खास आशीर्वाद दिया गया है।
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री इस बारे में जवाब दे चुके हैं। अभी प्रश्नकाल शुरू होना चाहिए। पिछले दिन भी सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इसका जवाब दिया। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि यह बहुत ही दुखद है। शिमला पुलिस को जांच में लगाया। पूरा प्रशासन तलाश में जुटा। एचपीपीसीएल के अधिकारियों ने भी तलाशा। बाद में मालूम हुआ कि शव मिला है। पिछले दिन अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व को 15 दिनों में रिपोर्ट रखने को कहा है। सबसे पहले एफआईआर दर्ज की गई। इसमें कोई भी विलंब नहीं किया गया। आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में केस दर्ज किया गया। उसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों का तबादला भी कर दिया। पिछले दिन भी सीबीआई जांच की बात नहीं की। किसी और एजेंसी से जांच करने की बात की। देस राज को निलंबित करने की मांग की तो सीएम ने तत्काल कार्रवाई की। परिजन सब चीज से संतुष्ट नहीं है। केवल भाजपा संतुष्ट नहीं है। इनको राजनीति करनी है। इस पर सदन में शोर-शराबा और हंगामा शुरू हो गया।
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इसके बाद रणधीर शर्मा ने कहा कि यह ठीक है कि सरकार ने जो कार्रवाई की, उसकी जानकारी यहां पर मंत्री ने दी है। चार मंत्री भी मौके पर गए। एक तो इन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज हो गई। एफआईआर में एक अधिकारी का नाम तो है, मगर दूसरे का पद है। अधिकारी को तो बदल दिया गया था। एफआईआर में दूसरे अधिकारी का भी नाम आना चाहिए। वरना यह माना जा रहा है कि चार मंत्रियों ने पीड़ित परिवार पर दबाव बनाया। इस घटना में एक आईएएस अधिकारी का नाम है और उसकी जांच भी एक आईएएस अधिकारी को दे रहे हैं। इससे निष्पक्ष जांच पर प्रश्न खड़ा हुआ है। एचपीपीसीएस के बारे में गुमनाम पत्र भी निकले। यह पहले से ही विवादित रहा है। इसकी जांच सीबीआई से करवाई जाएगी। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि चार मंत्रियों पर दबाव बनाने का काम गलत है। दबाव बनाने और भड़काने का काम भाजपा ने किया है। भाजपा के नेता वहां गए। जिस व्यक्ति का नाम एफआईआर में कहा, उसकी एफआईआर दर्ज की गई है। भाजपा नेताओं से आग्रह है कि वे इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश न करें। विमल नेगी को न्याय मिलना चाहिए। सरकार ने उचित कार्रवाई की है। मामला सुलझ गया है। इसमें आग लगाने का प्रयास न करें। इस पर विपक्ष ने नारेबाजी शुरू की दी।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि यह बहुत ही संवेदनशील विषय है। इस विषय पर की गई कार्रवाई से अवगत करवाया गया है। रणधीर शर्मा ने कहा कि एमडी का नाम एफआईआर में शामिल नहीं किया गया है तो इसका संज्ञान लिया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्ष को बात का बतंगड़ बनाने का एक मर्ज सा हो गया है। बीते दिन सदन में वक्तव्य दिया गया, उस पर कार्रवाई की गई। सुंदरनगर में शराब में सात लोग मर गए। इन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले में 12 घंटे से अधिक समय नहीं हुआ है, लेकिन हमने कार्रवाई की। इस पर विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चला गया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकारी जो भी घटना घटती है, उस पर तुरंत कार्रवाई होती है। सुंदरनगर में सात लोग मर गए, जयराम ठाकुर सोए रहे। पुलिस भर्ती का पेपर लीक हुआ, कोई कार्रवाई नहीं हुई। जगत सिंह नेगी दस दिन उनके परिवार के साथ रहे और संवेदनशीलता दिखाई। डीजीपी ने कहा कि उनकी लोकेशन पता कर ली है। उनकी संभावना इर्द-गिर्द है। उसके बाद ढूंढा गया। परिवार की मांग के अनुरूप कार्रवाई की गई। एमडी का मतलब यह होता है कि उस समय के एमडी जब यह घटना घटी है। अधिकारी को निलंबित कर दिया। एसीएस स्तर के अधिकारी जांच कर रहे हैं। हम नियम 67 पर स्थगन प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए तैयार थे, मगर अध्यक्ष महोदय ने इसमें स्थिति स्पष्ट की। परिवार संतुष्ट हैं, मगर केवल भाजपा ही संतुष्ट नहीं है। भाजपा के किन्नौर के पिछले प्रत्याशी नारे लगा रहे हैं।