
40 साल की अवधि पूरी कर चुके बिजली प्रोजेक्ट टेकओवर करेगी सरकार : सीएम
पोल खोल न्यूज़ | धर्मशाला
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार 40 साल की अवधि पूरी कर चुके पावर प्रोजेक्टों को अपने अधीन लेगी। इन परियोजनाओं के अधिग्रहण को लेकर केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया है। मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का हक लेने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। एनएचपीसी और एसजेवीएन से भी सरकार अपने सभी अधिकार लेकर रहेगी। राज्य की संपदा को हम लुटने नहीं देंगे।
वहीं, प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक नीरज नैय्यर और भाजपा विधायक हंसराज ने चंबा जिले में एनएचपीसी की बिजली परियोजनाओं में स्थानीय हितों की अनदेखी का मामला उठाया। विधायक नैय्यर ने कहा कि चंबा में एनएचपीसी के चार-पांच बिजली प्रोजेक्ट हैं और इनके चलते कई परिवार विस्थापित हुए हैं। नौकरियों में प्राथमिकता देने की बात कही गई थी लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। कंपनियों ने ठेकेदारों को काम सौंप रखे हैं।
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विधायक ने मांग की कि ठेकेदारों के साथ हुए कंपनी के समझौते में स्थानीय लोगों को रोजगार देने की शर्त जोड़ी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि चमेरा वन और बैरा सिऊल प्रोजेक्ट के तहत एनएचपीसी के पास करीब 350 बीघा भूमि सरप्लस है। उपायुक्त को कहकर भूमि को चिह्नित किया जाना चाहिए। एनएचपीसी का करीब 66 हजार करोड़ का टर्न ओवर है और यह राज्य सरकार के बजट से अधिक है। कंपनी से सीएसआर के तहत जिला चंबा को तीन-चार प्रतिशत धनराशि मिलनी चाहिए।
भाजपा विधायक हसंराज ने कहा कि बिजली परियोजनाएं सीएसआर और लाडा के तहत पैसा नहीं दे रही है। एनएचपीसी की क्षेत्र में दादागिरी चली हुई है। जिस सरप्लस भूमि पर कंपनी का कब्जा है, उसे वापस लिया जाना चाहिए। सीबीआई के नाम पर जिले में लोगों को डराया जा रहा है। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि एनएचपीसी के साथ हुए एमओयू और एग्रीमेंट को स्टडी किया जाएगा। सरकार की नीति है कि परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाए। हम अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
एनएचपीसी को बैरा सिऊल प्रोजेक्ट वापस देने के लिए पत्र लिखा गया है। इस परियोजना को 40 साल हो गए हैं। तय अवधि पूरी होने के बाद हमें एनएचपीसी से 12 फीसदी रॉयल्टी ही नहीं चाहिए, हम परियोजना को टेकओवर करेंगे। कई साल पहले जब प्रदेश विकसित नहीं था तब एनएचपीसी और बीबीएमबी ने हजारों एकड़ भूमि को सस्ते दामों पर ले लिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई हमारे हाथ में नहीं है। एनएचपीसी ने डुग्गर प्रोजेक्ट लेने के लिए कई जगह से सरकार पर दबाव बनाया। हम इस प्रोजेक्ट को भी वापस लेंगे।