
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट : टीजीटी से अनुबंध सेवाकाल के लाभ वापस लेने पर रोक
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग में नियुक्त टीजीटी को मिले अनुबंध सेवाकाल के लाभ वापस लेने और वसूली की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। पुनर्निर्धारित वेतन के लाभ को खारिज करने पर भी रोक लगाई है। वहीं, अदालत की ओर से लगाई गई रोक से केवल उन्हीं शिक्षकों को राहत मिलेगी, जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से याचिका दायर की है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने कहा कि 28 मार्च, 2025 के विवादित आदेश के आधार पर याचिकाकर्ताओं से कोई वसूली नहीं की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई छह मई को होगी।
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अदालत में मंगलवार को करीब 250 शिक्षकों की याचिकाओं पर सुनवाई हुई। अनुबंध कर्मचारियों को वर्ष 2003 के बाद जो भी संविदात्मक लाभ दिए गए हैं, उन सबको सरकार ने वापस ले लिया है। अदालत की रोक के बाद अब जिन कर्मचारियों को अनुबंध काल की सेवाओं का वेतन लाभ और दोबारा वेतन निर्धारण किया गया है, उस पर वसूली नहीं की जाएगी।
वहीं, याचिकाकर्ता शिक्षकों की ओर से हिमाचल सरकार की भर्ती की शर्तें और कर्मचारी सेवा अधिनियम 2024 को भी चुनौती दी गई है, जिसके तहत अनुबंध के लाभ को वापस लिया गया है। याचिकाओं में बताया गया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्णय के बाद इस एक्ट में संशोधन किया है। हाईकोर्ट ने कई मामलों में अनुबंध कर्मचारियों की प्रारंभिक अनुबंध सेवाओं को वरिष्ठता, इन्क्रीमेंट और अन्य लाभ देने के आदेश दिए हैं। अदालत में कुछ मामलों में अनुपालन की याचिकाएं भी लंबित हैं।