
टौणी देवी में ‘शिक्षा का अधिकार’ पर विधिक जागरूकता शिविर का सफल आयोजन
रजनीश शर्मा | हमीरपुर
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में आज एक दिवसीय विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों, अभिभावकों तथा शिक्षकों को ‘शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009’ के अंतर्गत उपलब्ध विधिक प्रावधानों और मौलिक अधिकारों की जानकारी प्रदान करना था। इस महत्वपूर्ण शिविर का आयोजन जिला न्यायालय हमीरपुर के सौजन्य से किया गया, जिसमें डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसलिंग के पद पर कार्यरत रंजीत सिंह सुमन मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। शिविर का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा द्वारा किया गया। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के युग में शिक्षा केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं रह गई है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का मूल अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के हर वर्ग तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।
मुख्य वक्ता रंजीत सिंह सुमन ने ‘शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009’ की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि भारत के संविधान में 86वें संशोधन के माध्यम से अनुच्छेद 21A जोड़ा गया, जिसके अंतर्गत 6 से 14 वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्रदान किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अधिनियम न केवल सरकारी विद्यालयों में लागू होता है, बल्कि निजी विद्यालयों को भी 25 प्रतिशत सीटें सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित करनी होती हैं। सुमन ने यह भी बताया कि यदि किसी विद्यालय द्वारा किसी योग्य बच्चे को प्रवेश नहीं दिया जाता या उसे स्कूल से बाहर कर दिया जाता है, तो उसके अभिभावक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से नि:शुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यह प्राधिकरण प्रत्येक नागरिक के लिए खुला है और बच्चों के शिक्षा अधिकार की रक्षा के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने अधिकारों को जानें और साथ ही अपने कर्तव्यों का भी पालन करें, ताकि एक जागरूक और शिक्षित समाज का निर्माण हो सके।
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इस अवसर पर विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने इस आयोजन की सराहना की और इसे अत्यंत लाभकारी बताया। विद्यालय की प्रवक्ता प्रोमिला राणा ने मंच संचालन करते हुए विधिक साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डाला तथा कहा कि जब नागरिक अपने अधिकारों के प्रति सजग होते हैं, तभी लोकतंत्र सशक्त बनता है। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ अध्यापिका लीना देवी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने जिला न्यायालय हमीरपुर तथा रंजीत सिंह सुमन का विशेष रूप से आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों को न केवल विधिक जानकारी प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वासी और जागरूक नागरिक बनने की दिशा में भी प्रेरित करते हैं। इस विधिक जागरूकता शिविर ने उपस्थित सभी जनों के मध्य शिक्षा के अधिकार की महत्ता को पुनः स्थापित किया और यह संदेश दिया कि शिक्षा केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि सामाजिक सहयोग और सामूहिक जागरूकता से ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकती है। विद्यालय प्रशासन ने भविष्य में भी इस प्रकार के जागरूकता शिविरों के आयोजन का संकल्प लिया है, जिससे छात्रों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों की गहरी समझ प्राप्त हो सके।