Neha Verma| Hamirpur
मौसम के अनुसार प्राकृतिक सब्जियां खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। हिमाचल प्रदेश में भी प्रकृतिक रूप से कई प्रकृतिक सब्जियां जैसे कचनार, तरडी, फेगड़े, भ्रूणी आदि सब्जियां मौसम के अनुसार उपलब्ध होती हैं। ये सब्जियां पौष्टिक तो होती ही हैं। वहीँ इनके खाने से शरीर की कई बीमारियाँ भी दूर होती हैं। फेगड़े (भ्रूणी) की सब्जी खाने से खारिश दूर होती है तथा यह रक्त को भी शुद्ध करने में सहायता करती है। तो आइए जानते हैं भ्रूणी बनाने का तरीका:-
सामग्री
- ½ किलो कच्ची फेगड़े (भ्रूणी)
- 2 टमाटर कटे हुए
- 2-3 हरी मिर्च या लाल मिर्च पाउडर
- 1 चम्मच जीरा
- 1 चम्मच धनिये के बीज
- 2 बड़े चम्मच सरसों का तेल
- नमक स्वादानुसार
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर
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तरीका
- सबसे पहले भ्रूणी को अच्छे से धो लें और फिर उसे प्रेशर कुकर में दो गिलास पानी के साथ 2 सिटी आने तक उबालें।
- उबलने के बाद भ्रूणी से अतिरिक्त पानी निकाल दीजिये और उबली हुई भ्रूणी को एक अलग कटोरे में रख लीजिये।
- अब एक पैन या कढ़ाई लें और उसमें सरसों का तेल डालकर पारदर्शी होने तक गर्म करें।
- अब इसमें जीरा और धनियां डालें और फिर कटे हुए टमाटर और हरी मिर्च डालें।
- इन्हें भून लें और फिर नमक और हल्दी डालें। इसे तब तक भूनिये जब तक यह पेस्ट न बन जाये और पेस्ट तेल छोड़ने लगे।
- अब उबली हुई भ्रूणी डालकर अच्छी तरह मिला लें और मैश कर लें।
- अब इसे 2-3 मिनट तक मध्यम आंच पर रखें और फिर आंच बंद कर दें।
- इसे पकाने में कम समय लगता है क्योंकि यह पहले से ही उबला हुआ होता है।
- अब इसे चपाती के साथ परोसें ।
- अगर आप प्याज डालना चाहते हैं तो डाल सकते हैं और एक और ट्विस्ट आप अमचूर पाउडर डालकर डाल सकते हैं।
फेगड़ा कढ़ी
अपने जायके को बदलने के लिए आप तैयार हुई सब्जी में दहीं या लस्सी मिला सकते हैं और राई के बीज जिसे स्थानीय भाषा में (आसरी) कहते हैं उसे पीस कर मिलाने से खुशबु और बढ़ जाती है। फेगड़ा कढ़ी को आप चावल के साथ परोस सकते हैं।