
अहिल्याबाई की शासन व्यवस्था मोदी सरकार के कृतित्व में परिलक्षित : बिक्रम ठाकुर
रजनीश शर्मा | हमीरपुर
जिला हमीरपुर के टौणी देवी में महारानी अहिल्याबाई होल्कर की जन्म त्रिशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संसदीय क्षेत्र प्रभारी एवं विधायक बिक्रम ठाकुर ने बताया कि यह आयोजन देशभर के सभी जिला मुख्यालयों में 31 मई तक किए जाएंगे, जो होल्कर जी के जन्मदिवस को समर्पित होंगे।
18वीं शताब्दी में महिलाओं और वंचित समाज के लिए बनीं प्रेरणा
बिक्रम ठाकुर ने बताया कि अहिल्याबाई होल्कर जी ने उस समय में महिलाओं, आदिवासी व जनजातीय समाज, शोषित और पीड़ित वर्ग के कल्याण के लिए कार्य किए जब ऐसे विचार भी समाज में अल्प थे। उन्होंने सत्ता को जनसेवा और न्याय का माध्यम बनाकर करुणा व न्याय से जनमानस में स्थान प्राप्त किया।
अहिल्याबाई ने किया राज्य और समाज का समन्वित विकास
उन्होंने महिला कल्याण, सामाजिक न्याय, धर्मनिष्ठा और सांस्कृतिक उत्थान पर विशेष बल दिया। 1725 में अहमदनगर के गांव चांदी में जन्मी अहिल्याबाई ने समाज में पिछड़े समझे जाने वाले गायरी धनगर समाज से होते हुए भी शासन व धर्म दोनों क्षेत्रों में गहरी छाप छोड़ी।
पति व पुत्र की मृत्यु के बाद भी नहीं टूटीं, संभाला राज्य और नेतृत्व
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि दुखों के बावजूद अहिल्याबाई ने न केवल मालवा राज्य का संचालन किया, बल्कि राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सुधारों को बढ़ावा दिया। उन्होंने राज्य के प्रशासन, न्याय व्यवस्था व राजस्व प्रणाली में स्थायित्व और आदर्श प्रस्तुत किया।
अहिल्याबाई की नीतियों में दिखता है मोदी सरकार का प्रतिबिंब
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाएं उसी सोच की निरंतरता हैं जो अहिल्याबाई होल्कर जी के शासनकाल में दिखाई दी थी।
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अहिल्याबाई का जीवन आत्मसात करे वर्तमान पीढ़ी : सुमीत शर्मा
प्रदेश सचिव व संसदीय क्षेत्र के सह प्रभारी सुमीत शर्मा ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर जी का जीवन वर्तमान समाज के लिए आदर्श है। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई ने राज्य, समाज और धर्म के लिए जो कार्य किए, वे आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
उन्होंने असंख्य कुएं, बावड़ियां, प्याऊ और मंदिर निर्माण करवाए। किसानों को उन्नत बीज देकर कृषि व राज्य की अर्थव्यवस्था को मज़बूत किया। अन्य वितरण केंद्रों” की स्थापना कर खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता दी, जो आज पीएम गरीब अन्न योजना में परिलक्षित होती है।
राजनीतिक निर्णयों में भी उनका दृष्टिकोण अनुकरणीय था। उन्होंने योग्य व्यक्तियों को नेतृत्व में स्थान दिया। 1767 में तुकोराव होल्कर को सैन्य प्रमुख बनाकर राज्य की रक्षा और समाज कल्याण के दोहरे उद्देश्य को साधा।
धार्मिक पुनर्निर्माण कार्यों में योगदान:
1780: काशी विश्वनाथ मंदिर का नव निर्माण
1783: सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण
उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने हिन्दू धर्म और महिला अधिकारों के लिए जो कार्य किए, उसी के कारण उन्हें “पुण्यश्लोक” की उपाधि मिली। उन्होंने आह्वान किया कि आज की पीढ़ी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज के कल्याण और समान प्रगति हेतु आगे बढ़ना चाहिए। अहिल्याबाई ने राज्य की सैन्य और सांस्कृतिक योजना को इस प्रकार विकसित किया कि मालवा राज्य लगभग तीन दशकों तक वैभव के शिखर पर रहा। उनके नेतृत्व में धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक समरसता का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत हुआ।
उपस्थित प्रमुख जनप्रतिनिधि व कार्यकर्ता:
राजेन्द्र राणा (पूर्व विधायक),जिला भाजपा अध्यक्ष राकेश ठाकुर, पूर्व विधायिका कमलेश कुमारी, अर्चना चौहान (जिला परिषद), बबली, राजकुमारी, सुमन, कपिल, अनीता, अनीता गंथानिआ, सरोज, कांता शर्मा, उषा लखनपाल, अलका ठाकुर, बिक्रम राणा, सुरेश ठाकुर महिला मोर्चा की अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे ।