
Himachal : अतिरिक्त कर संग्रह पर हिमाचल हाईकोर्ट की अंतरिम रोक
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने यात्री और माल कराधान अधिनियम 1955 के तहत अतिरिक्त कर संग्रह पर अंतरिम रोक लगा दी है। बता दें कि न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए प्रतिवादियों को हिमाचल प्रदेश यात्री और माल कराधान अधिनियम 1955 (1997 में संशोधित) की धारा 3बी और धारा 4ए के तहत कोई भी अतिरिक्त माल कर (गुड्ज टैक्स) वसूलने से रोक दिया है। इसी के तहत न्यायालय में चुनौती दी गई है। मामले की अगली सुनवाई 18 जून को होगी। हाईकोर्ट में कुंडला लोह उद्योग और सतलुज टैक्सटाइल ने उक्त धाराओं के तहत लगाए जा रहे कर की वैधता को चुनौती दी है।
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सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि जीएसटी कानून 2017 के बाद राज्य सरकार अलग से इंटर स्टेट सप्लाई पर टैक्स लगा रही है। यह उक्त प्रावधानों के खिलाफ है और संविधान के अनुच्छेद 269ए का उल्लंघन है। यह आदेश केवल इन्हीं पर लागू होगा। इस राहत से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान होने की आंशका है।
हिमाचल प्रदेश में जैसे ही कोई वस्तु या सामान आता है, वैसे ही यह अतिरिक्त कर राज्य सरकार की ओर से यात्री और माल कराधान से लगाया जाता है। जबकि अधिनियम 1955 के तहत राज्य सरकार यह अतिरिक्त कर नहीं ले सकती। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई तक प्रतिवादियों जोकि अधिकतर राज्य सरकार के कर विभाग से संबंधित होते हैं, को निर्देश दिया है कि वे इन प्रावधानों के तहत किसी भी प्रकार का अतिरिक्त कर संग्रह न करें।