
लोगों की जान का दुश्मन बन गया टौणीदेवी-ऊहल कक्कड़ रोड, खुशियां बदल रही गमों में, लोहाखर, गवारडू बने एक्सीडेंट स्पॉट
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
एक जमाना था जब टौणीदेवी-ऊहल कक्कड़ सड़क मार्ग तंग था। कई कई किलोमीटर तक आगे से आने वाले वाहनों के लिए पास देने को जगह नहीं थी। फिर भी वाहन चालक तंग मोड़ों पर सतर्क होकर चलते थे । एक्सीडेंट बहुत कम होते थे। फिर विकास के नाम पर सड़कें चौड़ी हुई। वाहनों की स्पीड बढ़ी और साथ में बढ़ गई एक्सीडेंट की संख्या । अब तो टौणीदेवी-ऊहल कक्कड़ रोड पर दुर्घनाओं की जैसे बाढ़ ही आ गई है।
पिछले कुछ वर्षों में लोहाखर और गवारडू एक्सीडेंट स्पॉट बनकर रह गए हैं। टौणीदेवी-ऊहल कक्कड़ सड़क मार्ग का टिहरी मोड़ कई लोगों की जान ले चुका है और कई लोग घायल हो चुके हैं।
इस मार्ग पर कुछ एक्सीडेंट मानवीय भूलों के कारण तो कुछ लोक निर्माण विभाग की नालायकी के कारण हो रहे हैं । कुछ तीखे मोड़ों पर न तो पैरापिट हैं और न ही कोई बैरियर । तीखे मोड़ों और खराब सड़क के दिशा निर्देश वाले बोर्ड तो यहां से गायब मिलेंगे।
वहीं कुछ जगह निजी भूमालिकों और लोकनिर्माण विभाग की खींचतान पानी निकासी में बाधा बनी हुई है जिस कारण सड़क पर पानी खड़ा रहता है। उचित पानी निकासी न होने से कई जगह सड़क धंस रही हैं जो कि दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं।
इन हादसों ने कई जिंदगियों को निगल लिया है। खुशियां गमियों में तब्दील हो रही हैं । कई लोग जीवन भर के लिए अपंग हो गए हैं। कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं । ऐसे में टौणीदेवी-ऊहल कक्कड़ रोड को लेकर बड़ी बड़ी घोषणाएं करने वाले जन प्रतिनिधियों को इस सड़क की हालत तुरंत सुधारनी चाहिए। करोड़ों के बजट से अगर सड़कें खुली हो रही हैं तो उस पर बैरियर और पैरापिट की संख्या भी बढ़नी चाहिए। एक्सीडेंट स्पॉट बन चुके लोआखर, गवारडू के लिए विशेष योजना बना लोगों की बेशकीमती जानें बचाने के प्रयास होने चाहिए। सड़क से पानी निकास को सुनिश्चित किया जाए। जगह जगह स्पीड ब्रेकर , साइन बोर्ड और रिफ्लेक्टर लगा चालकों को दुर्घटनाओं के प्रति आगाह किया जाए। बाहर से पहली बार टौणीदेवी-ऊहल कक्कड़ रोड पर आने वाले वाहन चालक स्वयं एहतियात बरतें और गाड़ी को कंट्रोल में रख ओवर स्पीड न चलें।
अब तक टौणीदेवी-ऊहल कक्कड़ रोड पर हुई वाहन दुर्घटनाओं के कुछ लिंक ये हैं …….