
Himachal : सराज में सदी की सबसे बड़ी आपदा: जल प्रलय ने मचाई तबाही
पोल खोल न्यूज़ | मंडी
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के सराज के थुनाग उपमंडल में सदी की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई है। आपदा से उपमंडल की लगभग 80 हजार आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई है। जल प्रलय ने जीवन को तहस-नहस कर दिया है, जिसमें सैकड़ों मकान, दुकानें, और बुनियादी ढांचा पूरी तरह नष्ट हो गया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, थुनाग बाजार में लगभग 150 मकान और दुकानें जमींदोज हो चुकी हैं। अब तक 7 शव बरामद किए गए हैं। देजी पखरैर में 17 लोग लापता बताए जा रहे हैं। जरोल बाजार भी पूरी तरह बर्बाद हो चुका है, जहां एक शव मिला है।
बता दें कि पांडवशीला में एक शव बरामद हुआ और दो लोग लापता हैं। जंजैहली और छतरी की फिलहाल कोई सूचना नहीं है। उपमंडल की सभी सड़कें जगह-जगह बह गई हैं, और लगभग सभी पुल ध्वस्त हो चुके हैं। बिजली और पानी की योजनाएं पूरी तरह नष्ट हो गई हैं, जिससे लोगों के सामने राशन का गंभीर संकट मंडरा रहा है। मोबाइल नेटवर्क ठप होने से सटीक जानकारी जुटाने में भारी दिक्कत हो रही है। पुलिस की टीमें जंजैहली से पांडवशीला तक पहुंच पाई हैं, जबकि एसडीआरएफ की टीम बगस्याड तक पहुंची है।
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वहीं, प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक, थुनाग उपमंडल में 400 से ज्यादा रिहायशी मकान आंशिक या पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। अस्पताल, स्कूल, और अन्य सरकारी भवन भी आपदा की चपेट में हैं, जिन्हें बहाल करने में महीनों लग सकते हैं। स्थानीय निवासियों ने सरकार से तत्काल हवाई सर्वेक्षण करवाने और राहत-बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और सेना की मदद लेने की अपील की है। समय के साथ नुकसान का दायरा बढ़ता जा रहा है। लोगों ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों की तस्वीरें, वीडियो, और जानकारी साझा करने की गुहार लगाई है ताकि इसे सरकार तक पहुंचाया जा सके। वहीं करसोग उपमंडल के तहत सभी शिक्षण संस्थान आज बंद रखने का फैसला लिया गया है। एसडीएम करसोग की ओर से जारी आदेशों के अनुसार बुधवार 2 जुलाई को उपमंडल में सभी स्कूल-काॅलेज, आईटीआई व आंगनबाड़ी सहित अन्य संस्थान बंद रहेंगे।