दीक्षा ठाकुर। हमीरपुर
हिमाचल प्रदेश में किसानों और बागबानों का रुझान नकदी फसलों की ओर बढ़ रहा है। इस बात को मद्देनजर रखते हुए केमिकल और ऑर्गेनिक खाद की खपत भी ज्यादा होने लगी है। हिमफेड क्षेत्रीय कार्यालय कुल्लू और लाहुल-स्पीति जनजातीय जिला के लिए गत वर्ष 8150 मीट्रिक टन विभिन्न प्रकार की खाद का वितरण किया गया है। इस वर्ष यह आंकड़ा कई गुना बढ़ गया है। नवंबर में 800 एमटी की डिमांड और भेजी गई है। खाद का ज्यादा इस्तेमाल होने के पीछे मुख्य कारण यह है कि किसान और बागबान नकदी फसलों की ओर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हिमफेड क्षेत्रीय कार्यालय कुल्लू और लाहुल-स्पीति जनजातीय जिला के क्षेत्रीय प्रबंधक वीजेंद्र रावत का कहना है कि कुल्लू और लाहुल-स्पीति जनजातीय जिला में रायसन, भुंतर, बंजार, लाहुल के गोंधला सहित हिमफेड के पांच गोदाम हैं।
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जहां से किसानों और बागबानों को केमिकल और ऑर्गेनिक खाद की आपूर्ति की जाती है। किसान और बागबान सेब, जापानी फल, अनार, कीवी सहित अन्य नकदी फसलों की ओर अधिक किसानी और बागबानी करने की ओर अपना रुझान दिखा रहे हैं। इसके चलते खाद के खपत बढ़ रही है और किसानों और बागबानों की खाद की आपूर्ति करने के लिए हिमफेड समय-समय पर मांग के अनुरूप डिमांड भेजता रहता है, ताकि किसानों और बागबानों को खाद की कमी महसूस न हो। वहीं हिमफेड यूरिया, एनपीके 12-32-16, एनपीके 15-15-15, एमओपी कैल्शियम एनअरेट समेत छह किस्मों की खादों का वितरण किया जाता है, जो कि 50, 45 और 25 किलोग्राम की पैकिंग में किसानों और बागबानों को उपलब्ध करवाई जाती है।
रायसन में सबसे बड़ा 1000 एमटी क्षमता का गोदाम
हिमफेड के कुल्लू और लाहुल-स्पीति में पांच गोदाम है, जिसमें भुंतर, सदर कुल्लू शहर के सरवरी, रायसन, बंजार और लाहुल के गोंधला में खाद के गोदाम हैं। भुंतर, कुल्लू, बंजार और गोंधला में 250 एमटी की क्षमता है, जबकि एकमात्र रायसन में सबसे बड़ा 1000 एमटी क्षमता का गोदाम है। फिलहाल हिमफेड की नए गोदाम खोलने की कोई भी योजना नहीं हैं।