
पोल खोल न्यूज़ डेस्क। शिमला
19 दिसंबर से शुरू होने वाले शीत सत्र के चलते उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने बुधवार को प्रस्तावित छुट्टियों और टूर पर रोक लगाने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। विभागीय आदेशों के तहत अधिकारियों और उनके तहत काम करने वाले कर्मचारियों को शीत सत्र के चलते रविवार सहित अन्य छुट्टियों के दौरान भी बुलाया जा सकता है। विभाग ने विधानसभा में शिक्षा विभाग से संबंधित लगे सभी प्रश्नों के जवाब जल्द देने को भी कहा है।
बता दें कि शिक्षा निदेशालय ने सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि विधानसभा के शीत सत्र के दौरान विभाग से संबंधित सभी प्रश्नों के जवाब तैयार होने चाहिए। अधिकारियों के पास हर तरह की जानकारी होनी चाहिए। कहा गया है कि विभाग की हर शाखा में कम से कम एक अधिकारी इस दौरान रोजाना सुबह साढ़े आठ बजे आफिस में होना चाहिए। शाम को पांच बजे के बाद भी अफसरों को दफ्तर में मौजूद रहने को कहा गया है।
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अतिरिक्त निदेशक प्रशासन, कॉलेज, स्कूल उच्च शिक्षा, संयुक्त निदेशक कॉलेज, संयुक्त निदेशक फाइनेंस एंड अकाउंट, सह निदेशक, उच्च शिक्षा के सभी उपनिदेशक, सभी सरकारी कॉलेजों के प्रिंसिपल, कमांडर एनसीसी और चीफ लाइब्रेरियन सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी सोलन, प्रारंभिक शिक्षा के सभी उपनिदेशक, प्रिंसिपल डाइट की छुट्टियां रद्द करने के आदेश दिए गए हैं। इन अधिकारियों के तहत काम करने वाले स्टाफ को भी छुट्टियां नहीं मिलेंगी।
वहीं, उद्योग एवं संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि तपोवन, धर्मशाला में शीतकालीन सत्र को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं। जिस तरह देश की संसद में सुरक्षा चूक हुई है, उस तरह की चूक को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दूसरी बार संसद में सुरक्षा चूक होना गंभीर मामला है। उन्होंने शिमला में प्रेस वार्ता में कहा कि प्रदेश में आपदा में बहुत नुकसान हुआ है। केंद्र ने 633.73 करोड़ रुपए आपदा राहत प्रदान की है। उन्होंने इस मदद के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया। हालांकि, कहा कि ऐसे में प्रदेश को एक विशेष राहत पैकेज की जरूरत है।