हमीरपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर में एमटेक प्रथम वर्ष के छात्र की संदिग्ध मौत के बाद संस्थान प्रशासन हरकत में आ गया है। अभी तक पोस्टमार्टम और बिसरा रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि छात्र की मौत नशे की ओवरडोज से हुई हो। शव की जांच के दौरान फोरेंसिक साइंस विशेषज्ञों ने नशे की संभावना बताई है। अब एनआईटी प्रशासन संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नशा माफिया से बचाने के लिए पुख्ता प्रबंध करने जा रहा है। सबसे पहले एनआईटी परिसर में घुसने के लिए बने चोर रास्तों को बंद किया जाएगा। इस कड़ी में बुधवार से संस्थान में कंटीले तार लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही लड़के और लड़कियों के हॉस्टलों के बाहर सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है, ताकि हॉस्टल में विद्यार्थियों के प्रवेश और बाहर निकलने समेत अन्य गतिविधियों पर प्रशासन की पैनी नजर रहे।
वर्तमान में एनआईटी के मुख्य प्रवेशद्वार और प्रशासनिक ब्लॉक समेत चुनिंदा जगहों पर ही सीसीटीवी लगे हैं। अब जरूरत के मुताबिक अन्य जगहों पर भी सीसीटीवी स्थापित होंगे। इसके अलावा कन्या और बाल छात्रावास के औचक निरीक्षण के लिए संस्थान बहुत जल्द एक फ्लाइंग स्क्वायड का गठन करने जा रहा है। यह स्क्वायड रैंडम तरीके से छात्रावासों का निरीक्षण कर यह पता लगाने का काम किया करेगा कि हाॅस्टल के कमरे में कोई नशा या अन्य प्रतिबंधित सामान तो नहीं।
उधर, एनआईटी हमीरपुर के कुलसचिव डॉ. अर्चना नानोटी ने कहा कि संस्थान में विद्यार्थियों की सुरक्षा के उचित प्रबंध करने के लिए एक योजना तैयार की गई है। कन्या और बाल छात्रावास के औचक निरीक्षण के लिए संस्थान बहुत जल्द एक फ्लाइंग स्क्वायड का गठन करने जा रहा है।