
रजनीश शर्मा। हमीरपुर
चुनाव चाहे विधानसभा के हों या फिर लोकसभा के, भारत निर्वाचन आयोग हमेशा नए पात्र युवा वोटरों का नाम मतदाता सूचियों में शामिल करने के लिए समय-समय पर कोई न कोई एक्सपेरिमेंट करता रहता है। इस बार वर्ष 2024 में प्रस्तावित लोकसभा चुनावों से पूर्व निर्वाचन आयोग की तरफ से सभी नए पात्र युवाओं के नाम मतदाता सूचियों में शामिल करने के लिए खास फोकस करते हुए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में समर्पित सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (डेडिकेटड एईआरओ) की तैनाती करने का निर्णय लिया है। यह तैनाती पूरे प्रदेश में की जाएगी। जानकारी के मुताबिक कहीं बीडीओ, तो कहीं नायब तहसीलदार को डेडिकेटड एईआरओ बनाया जा रहा है। आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में 18 वर्ष की आयु पूरे करने वाले युवाओं का मतदाता सूचियों में पंजीकरण अभी भी उम्मीदों के अनुरूप नहीं पाया गया है। इसको देखते हुए निर्वाचन आयोग ने डेडिकेटड एईआरओ की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है।
ये अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों में गठित इलेक्टोरल लिटरेसी क्लबों (ईएलसी) के साथ नियमित रूप से बैठक करेंगे तथा विद्यार्थियों को मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया की जानकारी देंगे। इसके साथ ही वे संभावित पात्र विद्यार्थियों का पंजीकरण सुनिश्चित करेंगे। बताते हैं कि ये अधिकारी हर महीने के तीसरे शनिवार को इन संस्थानों में आयोजित की जाने वाली गतिविधियों में भी भाग लेंगे। वे ऑनलाइन माध्यम से पंजीकरण की जानकारी भी देंगे। डेडिकेटड एईआरओ को शिक्षण संस्थानों में मतदाता पंजीकरण से संबंधित हर तिमाही का डाटा तैयार करना होगा।
काम-जिम्मेदारियों की जानकारी को कार्यशालाएं
निर्वाचन विभाग के तहसीलदार उपेंद्रनाथ शुक्ला के अनुसार मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से सभी नए पात्र युवाओं के नाम मतदाता सूचियों में शामिल करने के लिए खास फोकस किया जा रहा है। हमीरपुर के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में नियुक्तियां कर दी गई हैं। इन अधिकारियों का डेडिकेटड एईआरओ के कार्यों एवं जिम्मेदारियों की जानकारी देने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। हमीरपुर जिला की बात करें तो भोरंज, सुजानपुर, हमीरपुर और नादौन में बीडीओ को डेडिकेटड एईआरओ बनाया गया है, जबकि बड़सर में नायब तहसीलदार को यह जिम्मेदारी दी गई है।