
नाक-कान व गले के रोगियों के लिए रोबोटिक सर्जरी बनी वरदान : डॉ अशोक गुप्ता
रोबोट-एडेड सर्जरी न्यूनतम रक्त स्त्राव, कम दर्द, कम निशान, कम अस्पताल में रहने और तेजी से ठीक होने को सुनिश्चित करती है …
पोल खोल न्यूज़ | मंडी
कान में संक्रमण, स्ट्रेप थ्रोट, साइनसाइटिस एवं सलीप एपनिया एवं धूम्रपान/प्रदूषण व ठंडे पानी से गले की एलर्जी लोगों के लिए आम बात है। ऐसी अनदेखी से बनी ईएनटी समस्याओं का अगर समय पर सही इलाज नहीं करवाया जाता, तो वह भविष्य में गंभीर बीमारियों का कारण बनती हैं तथा इतना ही नहीं इससे इंसान अपनी सुनने, सूंघने एवं स्वाद लेने की शक्ति भी खो सकता है। यह बात उत्तर भारत के जाने माने ईएनटी के विशेषज्ञ डॉ अशोक गुप्ता ने आज मंडी में आयोजित एक पत्रकारवार्ता के दौरान कही, जो कि नाक, कान गले में टयूमर की सर्जरी हाथों की बजाए ‘दा विंची’ रोबोटिक सर्जरी से करने पर मरीज को उपचार के दौरान मिलती राहत जैसे खून की बर्बादी, कम दर्द, कम निशान व तुरंत राहत संबंधी जागरूक करने के लिए शहर में पहुंचे थे।
फोर्टिस अस्पताल में ईएनटी के डायरेक्टर एवं हेड एंड नेक सर्जरी डॉ अशोक गुप्ता ने कहा कि सर्दी की शुरुआत होते ही नाक-कान एवं गला संबंधी बीमारियां बढ़ जाती, वहीं लोग सबसे ज्यादा एलर्जी (गले का संक्रमण) का शिकार होते हैं। उन्होंने बताया कि गले की सर्जरी के नाम पर ज्यादातर पीडि़त व उसके परिजनों में भी चिंता रहती है, क्योंकि गले से संबंधित सर्जरी काफी काम्पिलकेशन (पेचिदा) होती थी, जो कि मरीजों के लिए बेहद नुकसानदाय भी रही, परंतु अब रोबोटिक सर्जरी से गले में मौजूद किसी भी तरह के टयूमर को हटाकर कर मरीज को सांस संबंधी होने वाली समस्या से पूरी तरह से निजात दिलाया जा सकता है।
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डॉ गुप्ता ने बताया कि हाल ही में एक 28 वर्षीय नौजवान जो कि आब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओबीएस-नींद संबंधित बीमारी) से पीडि़त था, रोगी नींद के दौरान सांस लेने एवं सिरदर्द, कमजोरी के कारण चुनौतीपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहा था। उसके गले की ऊपरी मांसपेशियोंं के सिकुडऩे के कारण वह सांस लेने जैसी समस्या से जूझ रहा था। डॉ गुप्ता की अगुवाई में एसोसिऐट कंस्लटेंट डॉ अनुरागिनी गुप्ता एवं ईएनटी विभाग से डॉ नेहा शर्मा ने ट्रांसोरल रोबोट-असिस्टेड से मरीज के गले की सर्जरी कर वायुमार्ग का पुर्ननिर्माण कर श्वासनली को चौड़ा कर उसको सांस लेने संबंधी समस्या से निजात दिलाया।
एक अन्य मामले में, 41 वर्षीय गुरचरण सिंह को गले में गांठ, नाक में रुकावट, खर्राटों के कारण चुनौतीपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहा था, जांच में उसके गले में मौजूद हानिकारक बिनाइन टयूमर को भी रोबोट-असिस्टेड ट्रांसओरल रोबोटिक सर्जरी (टीओआरएस) से निकालकर दिया गया। दोनों मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं।
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डॉ गुप्ता ने बताया कि हाथों की बजाए रोबोटिक सर्जरी मरीज के लिए कम तकलीफ व ज्यादा लाभदायक साबित हुई है। उन्होंने बताया कि मरीज के आप्रेशन के दौरान शरीर के जिन हिस्सों तक हाथ पहुंचाना मुश्किल था, अब 360 डिग्री तक घूमने वाले रोबोट की मदद से वहां पहुंच की जा सकती है। उन्होंने बताया कि किसी भी तरह के टयूमर जड़ से खत्म करने के लिए रोबोटिक सर्जरी ईएनटी के मरीजों के एक वरदान की तरह है। उन्होंने बताया कि रोबोट की मदद से रोगी के शरीर में डाले गए एक विशेष कैमरे के माध्यम से ऑपरेटिव एरिया का 3डी व्यू देखकर कर उसको पूरी तरह से तंदरूस्त किया जा सकता है।