पोल खोल न्यूज | कुल्लू
हिमाचल प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की किल्लत हो गई है, जिसके कारण सैलानियों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। दरअसल, नए साल का जश्न मनाने के लिए विभिन्न पर्यटन स्थलों पर लाखों की संख्या में सैलानी बाहरी राज्यों से पहुंचे हैं, लेकिन पेट्रोल और डीजल के टैंकर ना आने के चलते पेट्रोल पंप में वाहनों की लंबी-लंबी लाइन लग गई है और कई पेट्रोल पंपों में तेल भी अब खत्म हो गया है। ऐसे में अब सैलानियों को इस बात की चिंता सता रही है कि वे गाड़ी में तेल न होने के चलते किस तरह से वापस अपने घर पहुंच पाएंगे।
बताते चलें कि देश भर में केंद्र सरकार के द्वारा बड़े वाहन चालकों के लिए मोटर वाहन अधिनियम के तहत नया कानून लागू किया जा रहा है। जिसका अब ट्रक व बस चालकों के द्वारा हड़ताल के माध्यम से विरोध किया जा रहा है। वहीं, अब इसका असर आम जनता पर भी नजर आ रहा है। मनाली पहुंचे सैलानियों का कहना है कि सोमवार को वह दिन भर विभिन्न पेट्रोल पंपों का चक्कर काटते रहे, ताकि उन्हें अपनी गाड़ी के लिए तेल मिल जाए, लेकिन अधिकतर पेट्रोल पंपों में दोपहर बाद तेल खत्म हो गया और उनकी गाड़ी में जो तेल बचा हुआ था। वह इसी चक्कर में खत्म हो गया। अब अगर जल्द ही तेल से भरे टैंकर पेट्रोल पंप पर नहीं पहुंचे, तो वह किस तरह से अपने घर पहुंच जाएंगे। यह चिंता उन्हें सता रही है।
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वहीं, इसके अलावा मनाली के स्थानीय टैक्सी ऑपरेटर ने भी पेट्रोल और डीजल की कमी पर चिंता व्यक्त की है। टैक्सी ऑपरेटर ने कहा कि इन दिनों पर्यटन सीजन चल रहा है और उनका रोजगार भी अच्छा चल रहा है, लेकिन अगर टैक्सियों में तेल ही नहीं होगा तो वह ना तो सैलानियों को घुमा पाएंगे और ना ही अपने लिए रोजगार कमा पाएंगे। ऐसे में प्रदेश सरकार को इस विषय में केंद्र सरकार से चर्चा करनी चाहिए। ताकि ट्रक ड्राइवर की हड़ताल जल्द खत्म हो सके।
वहीं, मनाली पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का कहना है कि प्रदेश में फिलहाल पेट्रोल और डीजल की कमी है और इस बारे उन्होंने मुख्य सचिव को भी निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश में अगर ट्रक चालकों को किसी समस्या का सामना करना पड़ता है, तो प्रदेश सरकार के द्वारा उसका समाधान निकाला जाएगा।