
रजनीश शर्मा। ऊना
हिट एंड रन कानून को लेकर ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल को निजी बस ऑपरेटरों ने समर्थन दे दिया है। मंगलवार सुबह कुछ रूटों पर निजी बसें चलती रहीं, लेकिन बीच में ही निजी ऑपरेटरों ने हड़ताल का ऐलान करते हुए बसों के पहिये रोक दिए। इससे सवारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उधर, एचआरटीसी की बसें स्थानीय और लंबे रूटों पर चलती रहीं, जिससे लोगों को राहत मिली।
जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह आईएसबीटी ऊना में निजी बस ऑपरेटरों ने ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल का समर्थन करते हुए बसों का संचालन रोक दिया और नारेबाजी करना शुरू दिया। एकाएक निजी बसों के पहिये थम जाने से यात्रियों को आवाजाही करने में भारी दिक्कतों को सामना करना पड़ा। ऊना बस अड्डों पर मंगलवार को कई यात्रियों बसें के इंतजार में इधर-उधर भटकते रहे।
उधर, सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक ऊना अर्जित सेन ठाकुर निजी बस ऑपरेटर से बात करने के लिए पहुंचे और लोगों की सुविधा के लिए बसों का संचालन जारी रखने का आह्वान किया। मगर निजी बस ऑपरेटर बसें न चलाने का फैसले पर डटे रहे। इस दौरान स्थानीय रूटों पर जाने वाले यात्रियों को सबसे अधिक परेशानी हुई।
उधर, जिला निजी बस ऑपरेटर यूनियन ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हिट एंड रन कानून में जो सख्ती की गई है, वे सभी चालकों पर लागू होती है। ऐसे में बस चालक से लेकर दोपहिया चलाने वाला चालक भी इस कानून के दायरे में आता है। सरकार को इस फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए।
बता दें कि जिलेभर में रोजाना 300 निजी बसें चलती हैं, जबकि एचआरटीसी की कुल 130 रूटों पर बसें चलती हैं। एचआरटीसी 100 के करीब स्थानीय रूट हैं। ऊना जिले के अधिकतर दूर-दराज क्षेत्रों में निजी बसें ही चलती हैं और लोगों को अपने कार्य स्थलों पर पहुंचने के लिए निजी बसों का ही सहारा लेना पड़ता है।
260 रूटों पर नहीं चली निजी बसें
मंगलवार सुबह 10ः00 बजे तक निजी बसें चलती रहीं। इसके बाद निजी बस ऑपरेटर यूनियन ने बसों के संचालन को बंद कर दिया। इसके बाद जिलेभर में 260 रूटों पर निजी बसों का संचालन थम गया। हालांकि जो बसें चलीं थी वे निर्धारित रूट पर जाकर ही रूकीं, जिससे लोगों को राहत मिली। दूसरी तरफ डीजल की किल्लत के चलते स्थानीय रूटों पर एचआरटीसी की बसों का संचालन सवारियों की संख्या के हिसाब से रहा। इस दौरान लोकल रूटों पर हर दो घंटे के बाद बसें भेजी गई। साथ ही चंडीगढ़ व दिल्ली जाने वाले बसों को सवारियों के संख्या के हिसाब से मर्ज कर के भेजा गया।