Diksha Thakur | Pol Khol News Desk
मगरू महादेव मंदिर/ मंडी
हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है तथा यहाँ के सभी मंदिर अपनी-अपनी विशेषता लिए हुए हैं। ऐसा ही एक मंदिर मगरू महादेव मंदिर सुन्दर वादियों में स्थित है। यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर मंडी से 158 किलोमीटर दूर तथा करसोग से 45 किलोमीटर की दूरी पर छतरी नामक गांव में स्थित है।
लकड़ी की है सुंदर नक्काशी
मगरू महादेव का मंदिर प्राचीन काष्ट कला का एक अद्धभुत नमूना है। मगरू महा देव का मन्दिर एक विशाल देवदार के वृक्ष से पूरे मन्दिर का निर्माण हुआ है। मन्दिर में दीवारों पर लकड़ी की नक्काशी, इसकी ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा देती है। मगरू महादेव मंदिर सतलुज वर्गीय शैली में तीन मंजिलों में है, जो उत्तरी भारत के उत्कृष्ट मंदिरों में स्थान रखता है। बाहर से साधारण लगने वाला यह मंदिर अंदर से पूर्णतया नक्काशी से सजा पड़ा है।
चित्रकारी से किया है युगों का जिक्र
बहुत ही सुन्दर चित्रकारी के माध्यम से कई युगों का जिक्र किया गया है। 13वीं शताब्दी में निर्मित इस मंदिर के भीतर शिव और पार्वती की पाषाण प्रतिमाएं दर्शनीय हैं। वर्ष भर यहां मेलों का आयोजन होता रहता है तथा दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं।
मंदिर का इतिहास
जब जब युग बदलता है ,एक नया इतिहास बनता है | ऐसे ही “श्री मगरु महादेव” का अपना ही इतिहास है| वर्षों की परंपरा और अपना इतिहास एक अतुल्य है| श्रावण-भद्र महीने मे जैसे ही प्रकृति श्वेत धुंध मे ढक जाती है, देव पर्वों की शुरुआत होती है| हालाँकि मगरु महादेव की उत्पत्ति का रहस्य अभी तक अज्ञात है| मंदिर निर्माण और लोक कथाओं को लेकर काफी भिन्नता है।
कुछ लोग मानते है कि यह मंदिर एक ही पेड से निर्मित किया गया है। प्राचीनकाल में गाँव के एक व्यक्ति ने देवदार का एक पेड काट दिया था। वास्तव में उसने वह पेड घर की लकड़ी के लिए काट गिराया था लेकिन बहुत यत्न करने पर भी यह कटा हुआ वृक्ष अपनी जगह से नहीं हिला। इस पर उस व्यक्ति ने इश्वर को स्मरण किया तो उसे भविष्यवाणी हुई कि इसकी लकड़ी मंदिर निर्माण में लगाई जाए। गाँव के लोगों ने जब ऐसा सुना तो उसी निर्देश के अनुसार उस पेड से यह मंदिर बनाया गया।
यहाँ लगता है छतरी मेला
मंदिर में मेले लगते रहते है, छतरी मेला उन में से सबसे प्रसिद्ध है। यह मेला अगस्त महीने में 15 तारीख से शुरू हो के 20 अगस्त तक चलता है। यह मेला देखने लोग दूर -दूर से आते है।