
Diksha Thakur | Pol Khol News Desk
मां कुनाल पत्थरी मंदिर/ धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश में धौलाधार की पहाड़ियों के बीच जिला कांगड़ा के धर्मशाला के पास स्थित मां कुनाल पत्थरी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि इस स्थल पर मां सती का कपाल गिरा था। जिसके चलते यह मां कपालेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर में मां के कपाल के ऊपर एक बड़ा पत्थर विराजमान है, जिसके चलते इसे मां कुनाल पत्थरी मंदिर भी कहा जाता है।
यहां हर साल भारी संख्या में भक्त मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यह मंदिर चारों तरफ से चाय के बागान से घिरा हुआ है। धौलाधर की बर्फ से ढकी सफेद पहाड़ियां भी मंदिर से दिखाई देती हैं। जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है।
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मां सती का गिरा था कपाल
पुराणों के अनुसार मां सती को जब अपने पिता प्रजापति दक्ष के घर आयोजित विराट यज्ञ की जानकारी मिलती है, तो वह अकेले ही वहां पहुंच जाती हैं। लेकिन यहां उन्हें अपने पति भगवान शिव के लिए कोई स्थान नहीं दिखाई देता है। जिस पर वह क्रोधित हो उठती हैं और योगाग्नि से खुद को भस्म कर लेती हैं। यह समाचार जब भगवान शिव को मिलता है तो वह अपनी जटा से वीरभद्र को उत्पन्न करते हैं। जो प्रजापति दक्ष के विराट यज्ञ का विध्वंस कर देते हैं। दूसरी तरफ भगवान शिव क्रोधित होकर उनकी देह पूरी सृष्टि में लेकर घूमते हैं। उनका क्रोध शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने चक्र से माता सती के शरीर के टुकड़े कर दिए। यह टुकड़े धरती पर जहां भी गिरे, वह स्थान शक्तिपीठ कहलाए। कुनाल पत्थरी में मां सती का कपाल गिरा था, इसलिए यहां पर मां के कपाल की पूजा होती है।
पानी से भरा रहता है पत्थर
मां कुनाल पत्थरी मंदिर में मां के कपाल के ऊपर एक पत्थर बना है। जो हमेशा पानी से भरा रहता है। कपाल के ऊपर बने पत्थर में पानी को प्रसाद की तरह बांटा जाता है। अधिकतर श्रद्धालु बीमारी के इलाज के लिए भी इस पानी को ले जाते हैं। नवरात्रि के दिनों यहां श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ती है। हालांकि अधिकांश श्रद्धालु हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से होते हैं।
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ऐसे पहुंचें
यह मंदिर धर्मशाला शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां प्राइवेट टेक्सी से जा सकते हैं। धर्मशाला तक आप सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप रेल से यात्रा करते हैं, तो कांगड़ा के निकट ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन तक आ सकते हैं। वहीं कांगड़ा हवाई अड्डा इस मंदिर से 10 किलोमीटर दूर गग्गल में है।