पोल खोल न्यूज़ | मंडी
लापरवाह संचालकों के खिलाफ फूड एंड सेफ्टी एक्ट के तहत शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मंडी जिला में भी नियमों की अवहेलना के मामले सामने आने पर प्रदेश स्वास्थ्य सचिव से लिखित पत्राचार कर ठेके संचालकों पर आपराधिक मामले दर्ज करने की अनुमति मांगी है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में चल रहे शराब के ठेकों पर हाल ही में की गई आवश्यक कार्यवाही में बिना फूड लाइसेंस के चल रहे शराब के ठेकों का खुलासा होने के बाद जिला भर के 200 से अधिक शराब के ठेकों के दस्तावेज खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से जांचे जा रहे हैं। इसके लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी के नेतृत्व में टीमें भी फील्ड पर उतारी गई हैं।
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वहीं, खाद्य सुरक्षा अधिकारी सचिन ने बताया कि मंडी जिला में शराब के चार ठेकों में औचक निरीक्षण के दौरान फूड के लाइसेंस नहीं पाए गए। इस दौरान कब्जे में लिए गए चार शराब के सैंपल भी जब प्रयोगशाला में गुणवत्ता की जांच के लिए भेजे गए तो इसमें दो सैंपल सब स्टैंडर्ड पाए गए। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाकर मामला संबंधित न्यायालय में प्रेषित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत शराब एक पेय पदार्थ है।
इससे संबंधित व्यवसायियों को फूड लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया है ताकि मिलावटी शराब और इसकी गुणवत्ता की जांच भी समय पर हो सके। वहीं, जिला खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त एलडी ठाकुर ने बताया कि मंडी जिला में चल रहे शराब के ठेकों के संबंध की जानकारी राज्य कर एवं आबकारी विभाग से मांगी गई है। जिन शराब ठेकों के संचालकों के पास फूड लाइसेंस नहीं है, उनके खिलाफ फूड एंड सेफ्टी एक्ट के तहत मामला दर्ज किए जाएंगे। इसमें दस लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है।