
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में एचआईवी का मामला भी गूंजा। प्रदेश में बीते 4 साल में कितने नए मामले आए हैं, इसकी जानकारी सदन में मांगी गई। बीते चार साल में हिमाचल प्रदेश में करीब 1805 लोग एचआईवी का शिकार हुए हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बीजेपी विधायक डॉ। जनक राज की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में प्रदेश सरकार ने ये जानकारी दी है।
बताते चले कि हिमाचल प्रदेश में बीते चार साल में 1 हजार 805 लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या जिला कांगड़ा में है। जिला कांगड़ा हिमाचल का सबसे बड़ा जिला है। ऐसे में यहां मरीजों की संख्या भी ज्यादा है। बीते चार साल में यहां एचआईवी के 512 मामले सामने आए हैं। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के सदस्य डॉ। जनक राज की ओर से पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में प्रदेश सरकार की ओर से मिली है। हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से यह जानकारी अतारांकित प्रश्न के उत्तर में दी गई है।
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किस जिले में कितने मामले
हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से बताया गया है कि साल 2020-21 में 370, साल 2021-22 में 374, साल 2022-23 में 551 और साल 2023-24 में 15 जनवरी तक 510 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं. बीते चार सालों में बिलासपुर में 63, चंबा में 32, हमीरपुर में 193, कांगड़ा में 512, किन्नौर में चार, कुल्लू में 92, लाहौल स्पीति में 9, मंडी में 109, शिमला में 329, सिरमौर में 63, सोलन में 181 और ऊना में 236 मामले दर्ज किए गए। गौरतलब है कि जिला लाहौल स्पीति में साल 2021-22 के बाद एचआईवी का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
टीबी के 47 हजार 813 मरीज मिले
वहीं, हिमाचल प्रदेश परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण विभाग की ओर से यह भी बताया गया है कि बीते 3 साल में 47 हजार 813 क्षय रोग के मरीज भी सामने आए हैं. इनमें साल 2021 में 17 हजार 381, साल 2022 में 13 हजार 617, साल 2023 में 15 हजार 638 और साल 2024 में 15 जनवरी तक 1 हजार 177 मरीजों में क्षय की पुष्टि हुई है। विभाग की ओर से यह भी बताया गया है कि प्रदेश में बीते चार साल में एमडीआर टीबी के साल 2021 में 316, साल 2022 में 348, साल 2023 में 347 और साल 2024 में 15 जनवरी तक 36 मरीज सामने आए हैं। जिला लाहौल स्पीति में साल 2021 साल 2022 और साल 2024 में एमडीआर टीबी का एक भी मामला रिकॉर्ड नहीं किया गया है। यहां साल 2023 में टीबी के केवल दो मरीज सामने आए थे।