
पोल खोल न्यूज़ | सोलन
चीन, नेपाल और पाकिस्तान के हिमालयी क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उगने वाली एनोकी मशरूम अब देशभर में उगा सकेंगे। खुंब अनुसंधान निदेशालय ने इस मशरूम को तैयार करने में सफलता हासिल की है। इसे सफेद और गोल्डन रंग में तैयार किया गया है। यह गुच्छी मशरूम की एक प्रजाति है। इस मशरूम को तैयार करने के लिए खुंब अनुसंधान निदेशालय पिछले वर्ष से शोध कर रहा था। यह मशरूम सिर्फ 14 डिग्री तापमान तक ही उगती है। शोध में सफलता के बाद अब इस मशरूम को किसी भी मौसम में तैयार किया जा सकेगा। जापानी, चीनी और कोरियाई व्यंजनों के लिए एनोकी मशरूम एक आम सामग्री है। ये हल्के स्वाद और कुरकुरी बनावट के साथ लंबे, पतले, सफेद कवक होते हैं, जो आमतौर पर सलाद, स्टिर-फ्राइज और दूसरे व्यंजनों में इस्तेमाल किए जाते हैं।
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एनोकी मशरूम को दुनिया के कई क्षेत्रों में औषधीय गुणों की वजह से भी महत्व दिया जाता है। यह मशरूम प्राकृतिक रूप से बसंत के मौसम में पेड़ के ठूंठों पर उगती है। इस मशरूम में बहुत से औषधीय गुण है। यह मशरूम बच्चों की दिमागी शक्ति को तेज करती है, पाचन तंत्र को भी मजबूत करती है। इस मशरूम का भारत के हिमालय क्षेत्रों समेत अन्य देशों में 30 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हो रहा है। यह सिर्फ गोल्डन कलर का है, लेकिन डीएमआर ने इसे सफेद रंग देने भी में सफलता हासिल की है। सफेद रंग से यह देखने में अधिक सुंदर लगता है, जिससे इसकी बाजार में भी डिमांड भी बढ़ेगी।
वहीं, खुंब अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. वीपी शर्मा ने बताया कि एनोकी मशरूम पर चल रहा शोध सफल रहा है। देश में पहली बार इस मशरूम को तैयार किया है। यह सफेद और गोल्डन दोनों रंगों में होगी। इससे पहले भारत के कुछ हिमालय क्षेत्रों सहित विदेशों में इसे तैयार किया जा रहा था। यह मशरूम बहुत कम तापमान पर तैयार होती है। डीएमआर के वैज्ञानिकों ने इसे 20 से 22 डिग्री तापमान पर तैयार करने पर सफलता हासिल की है। अब देश के किसी भी हिस्से में इसे तैयार किया जा सकेगा।