शिमला / Pol Khol News
राज्य सरकार की ओर स्पेशल रोड टैक्स की नई दरें निर्धारित करने पर अब हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटर भडक़ गए हैं। इससे पहले जहां बाहरी राज्यों की मांग पर सरकार ने बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने वाले वाहनों के लिए बढ़े हुए टैक्स में कटौती की है, तो वहीं दूसरी ओर हिमाचल के टैक्सी आपरेटर भडक़ गए हंै। हिमाचल के टैक्सी आपरेटरों का कहना है कि सरकार ने बाहरी राज्यों के टैक्सी आपरेटरों को छूट दे दी है, लेकिन हिमाचल के टैक्सी-मैक्सी आपरेटरों के लिए कांट्रैक्ट कैरिज बढ़ा दिया है। ऑल हिमाचल कामर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने उपमुख्यमंत्री व परिवहन निदेशक को पत्र लिखकर यह टैक्स वापस लेने की मांग की है।
अधिसूचना के तहत परिवहन विभाग ने सालाना कांट्रैक्ट ऑटो रिक्शा पर प्रति वर्ष 2 हजार, 5 सीटर से कम 8 हजार सालाना, 10 सीट से कम 5 से ज्यादा पर 2 हजार पर सीट सालाना, 20 सीट से कम 10 से ज्यादा 3 हजार पर सीट सालाना और 23 सीटों या इससे अधिक सीट पर 5 हजार पर सीट सालाना तय किया है। आप्रेटरों का कहना है कि यह टैक्स बहुत अधिक है। पहले आल्टो कार यानी 4+1 यानी 5 सीट से कम वाहन का सालाना टैक्स 1350 रुपए होता था। इसके अतिरिक्त 7+1 सीट वाली गाड़ी का 4800 होता था। वहीं 9+1 वाली गाड़ी का 6700 और अब यह 18 हजार रुपए बन रहा है। वहीं 12 +1 वाली गाड़ी का पहले टैक्स 9 हजार रुपए सालाना टैक्स होता था। अब यह 27 हजार रुपए टैक्स बन रहा है। कमेटी के चेयरमैन राजेंद्र ठाकुर, अध्यक्ष मकर ध्वज शर्मा और महासचिव संदीप कंवर का कहना है कि टैक्सी कारोबार पहले से ही मंदा चल रहा है और सरकार ने सालाना टैक्स बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बढ़ाए हुए टैक्स को तुरंत वापस ले।