पोल खोल न्यूज़ डेस्क
शिमला
प्रदेश हाई कोर्ट ने साढ़े तीन करोड़ रुपए की लागत से बनाए राधे कृष्णा गो अभ्यारण्य लूथन जिला कांगड़ा को बंद करने की मांग से जुड़े मामले पर सरकार को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिका ने पवन कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने के पश्चात प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। प्रार्थी ने मुख्य सचिव सहित पशुपालन विभाग के सचिव, वन सचिव, गोसेवा आयोग बालूगंज के निदेशक, केंद्रीय पशुपालन विभाग के सचिव और एनिमल वेलफेयर बोर्ड को प्रतिवादी बनाया है। कोर्ट ने इन प्रतिवादियों को दो सप्ताह के भीतर याचिका का जवाब दायर करने के आदेश दिए। मामले में दिए तथ्यों के अनुसार 23 जनवरी, 2019 को प्रदेश सरकार ने प्रदेश को आवारा पशु मुक्त करने के लिए प्रत्येक जिला में कम से कम एक पशु अभ्यारण्य स्थापित करने बारे दिशा-निर्देश तय किए थे। 31 जुलाई , 2020 को पशु विभाग अभ्यारण्यों में पशुओं की देखरेख संबंधी एसओपी जारी किया।
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सात अप्रैल, 2021 को एक और एसओपी जारी कर गोसदनों की कार्यप्रणाणी तय की। 20 जनवरी, 2022 को सरकार ने ज्वालाजी जिला कांगड़ा के लुथन में राधे कृष्णा गो अभ्यारण्य स्थापित करने का निर्णय लिया। इसके बाद साढ़े तीन करोड़ की लागत से यह अभ्यारण्य स्थापित किया गया। दो सालों में वहां 1310 आवारा गउओं को रखा गया और इन्ही दो वर्षों में 1200 गउएं कुपोषण और बीमारी से मारी गई। 19 अक्तूबर, 2023 को एक ही दिन में 15 गउएं कुप्रबंधन की वजह से मारी गई। प्रार्थी ने इस अभ्यारण्य को लुथन में बंद कर किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थापित करने के आदेशों की मांग की है। मामले पर सुनवाई चार दिसंबर को निर्धारित की गई है।