
12 साल पुराने मामले में पंचायत प्रधान और पंच को छह माह की कैद, जुर्माना, गोहर कोर्ट ने वर्ष 2012 में औट थाना में दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनाया फैसला
पोल खोल न्यूज। मंडी
गोहर कोर्ट ने वर्ष 2012 में औट थाना में दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में माणी पंचायत के तत्कालीन प्रधान लाल सिंह और वार्ड पंच को धोखाधड़ी से षड्यंत्र रचकर जाली दस्तावेज तैयार कर आपराधिक विश्वासघात करने पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं में 6-6 माह की साधारण कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही पूर्व प्रधान को दो हजार रुपये जुर्माना, जबकि पूर्व वार्ड पंच को 15 सौ रुपये जुर्माना भी भरना होगा।
अदालत ने पूर्व प्रधान को आपराधिक विश्वासघात के लिए आईपीसी की धारा 409 के तहत 6 माह की साधारण कैद 500 रुपये जुर्माना, धोखाधड़ी के लिए आईपीसी की धारा 420 के तहत 6 माह की साधारण कैद 500 रुपये जुर्माना, जाली दस्तावेज बनाने पर आईपीसी की धारा 471 के तहत 6 माह की साधारण कैद 500 रुपये जुर्माना और षड्यंत्र रचने पर आईपीसी की धारा 120बी के तहत 6 माह की साधारण कैद 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वार्ड पंच को धोखाधड़ी पर आईपीसी की धारा 420 के तहत 6 माह की साधारण कैद, 500 रुपये जुर्माना, जाली दस्तावेज तैयार करने पर आईपीसी की धारा 471 के तहत 6 माह की साधारण कैद 500 रुपये जुर्माना और षड्यंत्र रचने के लिए आईपीसी की धारा 120बी के तहत 6 माह की साधारण कैद 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। जुर्माना अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त साधारण कैद भुगतनी होगी। कोर्ट में 12 साल चले इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष ने कुल तीस गवाहों के बयान कलमबद्ध कर प्रधान लाल सिंह और वार्ड पंच वीर सिंह के खिलाफ आरोप साबित किए, जबकि उपप्रधान व दो अन्य वार्ड पंच के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर अदालत ने उन्हें बरी कर दिया गया है। इसकी पुष्टि सहायक जिला न्यायवादी अनिल गुलेरिया ने की है।
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मरे हुए व्यक्ति के नाम पर काट दी 400 रुपये की रसीद
माणी पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश आरटीआई कार्यकर्ता दिवंगत लवण ठाकुर ने किया था। लवण ठाकुर ने सूचना के अधिकार के तहत माणी पंचायत में 2008 से 2012 तक किए गए विभिन्न कार्यों की जानकारी मांगी थी। जानकारी मिलने पर लवण ने विभिन्न कार्यों में हेराफेरी और गड़बड़ी होने की आशंका जताते हुए एसपी मंडी को शिकायत कर मामले की जांच करने का आग्रह किया था। माणी पंचायत के पदाधिकारियों पर पहला आरोप यह था कि एक व्यक्ति की एक समय में दो विभिन्न मास्टर रोल पर हाजिरी लगी है। एक काम के लिए उक्त व्यक्ति को मिडिल स्कूल का खेल के मैदान में 29 दिन काम करने के 29 सौ रुपए मिले, जबकि उसी दौरान दूसरी जगह शौचालय निर्माण के काम में 12 दिनों के 12 सौ रुपये दिए थे। दूसरा आरोप यह था कि पंचायत पदाधिकारियों ने पत्थर तोड़ने के एवज में 400 रुपये की रसीद ऐसे व्यक्ति को जारी की जिसका देहांत बहुत पहले हो चुका था। तीसरे आरोप में शिकायतकर्ता का कहना था कि आरटीआई के तहत मिली सूचना में पाया गया है और पंचायत ने वर्ष 2008 से 2009 तक लाखों रुपए के काम होना दर्शाया गया है, जबकि मास्टर रोल में उन कार्यों का कोई ब्योरा नहीं है और न ही मास्टर रोल में किसी भी श्रमिक के हस्ताक्षर हैं। लवण के शिकायत पत्र को एसपी मंडी ने जांच के लिए पुलिस चौकी बालीचौकी को सौंपा था। पुलिस ने लवण के शिकायतपत्र के आधार पर ग्राम पंचायत माणी के तत्कालीन प्रधान लाल चंद, उप प्रधान ऋषि वाला, वार्ड पंच बीरी सिंह, गोबिंद राम और रूप चंद के खिलाफ अभियोग दर्ज कर जांच की। जांच में आरटीआई कार्यकर्ता लवण के गड़बड़ी के आरोप सही पाए जाने पर 5 के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की।