
टौणी देवी में ‘नशा मुक्त विद्यालय’ पहल के अंतर्गत नशामुक्ति प्रतिज्ञा का आयोजन
रजनीश शर्मा | हमीरपुर
बरसात की छुट्टियों के बाद राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में शुरुआत ही एक बड़े संकल्प के साथ हुई “नशा मुक्त भारत” के निर्माण का संकल्प। केंद्रीय सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा प्रारंभ की गई “नशा मुक्त विद्यालय” पहल के तहत आज प्रार्थना सभा के दौरान विशेष ड्रग फ्री प्लेज (नशामुक्ति प्रतिज्ञा) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के ड्रग एब्यूज़ क्लब के सदस्य, स्काउट्स व गाइड्स, एनएसएस स्वयंसेवक तथा इको क्लब के सदस्य एकजुट होकर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों और युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से बचाना तथा समाज में नशामुक्त वातावरण का निर्माण करना था। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा के प्रेरणादायक संबोधन से हुआ।
उन्होंने कहा कि नशा न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नष्ट करता है बल्कि परिवार और समाज के ताने-बाने को भी कमजोर करता है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे नशे से दूर रहने के साथ-साथ अपने मित्रों और परिवार को भी इसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करें। इस अवसर पर नोडल अधिकारी श्रीमती रेखा देवी ने भी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी देश का भविष्य है और यदि यह नशे की गिरफ्त में आ जाए तो राष्ट्र की प्रगति थम सकती है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे स्वयं अनुशासित और नशामुक्त रहकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाएँ। प्रधानाचार्य यह भी बताया कि पाठशाला में वर्षभर ड्रग फ्री कैंपेन के तहत जागरूकता रैलियाँ, पोस्टर प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक, निबंध लेखन और समूह चर्चाएँ आयोजित की जाती हैं।
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उन्होंने कहा कि यह केवल एक दिन का संकल्प नहीं, बल्कि जीवनभर का संकल्प है, और पाठशाला इसे एक सतत सामाजिक आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाएगी। सभा में सभी उपस्थित छात्रों, शिक्षकों और क्लब सदस्यों ने सामूहिक शपथ ली कि हम प्रतिज्ञा करते हैं कि हम किसी भी प्रकार के नशे का सेवन नहीं करेंगे, नशे से संबंधित गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे और नशामुक्त भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। स्काउट्स व गाइड्स के प्रतिनिधियों ने कहा कि नशामुक्त रहना उनके अनुशासन और सेवा भाव के सिद्धांतों का अभिन्न हिस्सा है।
एनएसएस स्वयंसेवकों ने संकल्प लिया कि वे अपने सामुदायिक कार्यों में नशा उन्मूलन को प्रमुख स्थान देंगे। इको क्लब के सदस्यों ने बताया कि नशा अप्रत्यक्ष रूप से पर्यावरणीय संतुलन को भी प्रभावित करता है, इसलिए इससे दूर रहना हर दृष्टि से आवश्यक है। ड्रग एब्यूज़ क्लब के प्रभारी शिक्षक ने छात्रों को नशे के खतरों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि “पहली बार से ही इंकार” करना नशा रोकने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है। इस अवसर पर सुरेश, भूपिंदर, संजय, लीना, पवन, विजय, कुसुम लता , राजेश, हेमलाल सहित सभी अध्यापक उपस्थित रहे।