राजेंद्र राणा का कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला: सुक्खू सरकार को बताया गुटबाजी और असंतोष से घिरी, आर्थिक स्थिति पर उठाए गंभीर सवाल
रजनीश शर्मा | हमीरपुर
पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने हमीरपुर जिला मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे गुटबाजी, असंतोष और वित्तीय कुप्रबंधन से घिरी हुई सरकार करार दिया। उन्होंने बिलासपुर में आयोजित जश्न रैली को जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी बताते हुए कहा कि इस रैली ने सरकार की अंदरूनी कलह और असंतोष को उजागर कर दिया है।
जश्न रैली ने खोली सुक्खू सरकार की पोल
राणा ने कहा कि बिलासपुर की जश्न रैली में कांग्रेस के गुटबाजी और मतभेद खुले तौर पर सामने आए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रानी प्रतिभा सिंह को मंच पर भाषण बंद करने का निर्देश देकर उनका अपमान किया गया। यह घटना मुख्यमंत्री सुक्खू द्वारा पार्टी के अंदर अपने को सर्वोपरि दिखाने की कोशिश का संकेत देती है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष का स्थान सर्वोच्च होता है और हर पार्टी कार्यक्रम में उन्हें सबसे अधिक सम्मान दिया जाना चाहिए, लेकिन इस रैली में इसका उल्टा हुआ।
डिप्टी सीएम और सीएम के बीच तालमेल की कमी
पूर्व विधायक ने कहा कि मंच पर डिप्टी मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की झिझक और मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें जबरदस्ती आगे लाने की घटना साफ तौर पर दोनों के बीच असंतोष को दिखाती है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के भीतर भी खींचतान जारी है। राणा ने डिप्टी सीएम द्वारा चीफ सेक्रेटरी को “अपने अधिकारियों को सरकार गिरने की चर्चाएं बंद करने” का निर्देश देने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इससे यह साफ हो गया है कि प्रदेश की अफसरशाही भी सरकार के स्थायित्व पर सवाल उठा रही है।
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टॉयलेट टैक्स: सरकार की नाकामी का प्रतीक
टॉयलेट टैक्स के मुद्दे पर भी राणा ने सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि ऐसी नोटिफिकेशन कैसे और किसके आदेश पर जारी हुई, इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए। देशभर में हुई फजीहत के बाद इसे वापस लेना सरकार की लापरवाही और जल्दबाजी को दिखाता है।
आर्थिक बदहाली पर गंभीर आरोप
राजेंद्र राणा ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक ओर प्रदेश की वित्तीय स्थिति मजबूत होने के दावे कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों की 800 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी के बिल अटके हुए हैं। इसके अलावा अन्य विभागों में भी करोड़ों के बिल अटके हुए हैं। सरकार द्वारा ट्रेजरी को 22 तारीख तक बंद रखने और 10,000 रुपये से ऊपर के बिल न लेने के निर्देश से यह स्पष्ट होता है कि सरकार की वित्तीय स्थिति खराब हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को एरियर का भुगतान नहीं किया जा रहा है। राणा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री झूठे वादों और खोखले दावों के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं।
कांग्रेस सरकार के दिन गिनती के बचे: राणा
राणा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार की स्थिति बेहद कमजोर है और यह सरकार अधिक दिनों तक नहीं टिकेगी। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने दो साल में जनता को केवल गुमराह करने का काम किया है। गुटबाजी, असंतोष और आर्थिक कुप्रबंधन ने प्रदेश को विकास की बजाय ठहराव की ओर धकेल दिया है। राणा ने कहा कि प्रदेश की जनता अब इस सरकार से जवाब मांग रही है, और आने वाले समय में इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा।