
हिमाचल के मंदिर न्यासों, समितियों से योजनाओं के लिए नहीं मांगा पैसा : मुख्यमंत्री
पोल खोल न्यूज़ | धर्मशाला
राज्य सरकार ने मंदिर समितियों, न्यासों से मुख्यमंत्री सुखाश्रय और सुख शिक्षा योजना के लिए आर्थिक सहयोग के लिए कोई निवेदन नहीं किया है। मंदिर न्यासों की ओर से मेधावी बच्चों की पढ़ाई, गरीब लड़कियों की पढ़ाई आदि पर सहायता दी जा रही है। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जिला बिलासपुर के भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल और सुलह से विधायक विपिन सिंह परमार की ओर से मंदिर ट्रस्ट के बारे में प्रश्न के उत्तर में दी।
सीएम की ओर से सदन के के पटल पर लिखित जवाब दिया गया कि प्रदेश भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग ने एक पत्र से सभी आयुक्त मंदिर को दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि मंदिर न्यासों की ओर से धर्मार्थ गतिविधियों तथा कल्याणकारी योजनाओं के लिए उपलब्ध करवाई जा रही धनराशि के साथ-साथ मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष एवं सुख शिक्षा कोष में अंशदान देने पर विचार किया जा सकता है। यह केवल एक स्वैच्छिक विकल्प के रूप में है। कोई निर्देश अथवा आदेश नहीं है। यह अंशदान देते समय सभी मंदिर न्यासों को इस आशय के प्रस्तावों को ट्रस्ट की बैठक में पारित करने और हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान एवं पूर्त विन्यास अधिनियम 1984 के संबंधित अनुभाग में वर्णित प्रावधानों का सख्ती से पालन करने की शर्त लगाई गई है।
ये भी पढ़ें : होटल में चल रहे देह व्यापार का भंडाफोड़, संचालक समेत तीन गिरफ्तार
गत दो वर्षों में दिनांक 20 फरवरी 2025 तक मंदिर ट्रस्टों से प्रदेश सरकार को कोई भी धनराशि प्राप्त नहीं हुई है, अपितु मंदिर न्यासों की ओर से धर्मार्थ गतिविधियों, तथा कल्याणकारी योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री राहत कोष, आपदा राहत कोष एवं मुख्यमन्त्री सुखाश्रय कोष में अंशदान दिया गया है। प्रदेश में सरकार के अधीन 36 मंदिर हैं, जिनकी वर्ष 2024 की कुल वार्षिक आय 2,00,59,51,389.00 रुपये है। बड़े मंदिर न्यास जैसे मंदिर जिला ऊना, नयना देवी जी जिला बिलासपुर, श्री बाबा बालकनाथ मंदिर शाहतलाई जिला बिलामपुर, की बाबा बालकनाथ मंदिर दिवेट सिद्ध जिला हमीरपुर, ज्यालामुखी मंदिर, बाजेश्वरी मंदिर कांगड़ा, श्रीराम मंदिर समूह सहनी मंदिर, श्री हनुमान मंदिर जादु मात्र मंदिर हाटकोटी जिला हिमला, चिंदुरीकर सिरमौर और सुलिनी माता मंदिर सोलन के बैंकों में दिसंबर 2024 राशि उपलब्ध है।