
पौंग बांध से छोड़े गए पानी की चपेट में आए कई गांव, फसल सहित जमीन बही
पोल खोल न्यूज़ | कांगड़ा
पिछले 6 दिनों से दिन रात पौंग बांध से पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते जिला कांगड़ा की विधानसभा फतेहपुर व इंदौरा के निचले गांव में जलभराव होने शुरू हो गया है। बता दें कि कुछ गांव टापू बन गये है तो वही कुछ घरों में पानी घुस गया है। इसी के साथ लोगों की जमीन फसल सहित ब्यास नदी की भेंट चढ़ गयी है। प्रशासन द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है, लेकिन लोग अपने घरों व मवेशियों को छोड़ कर जाने को तैयार नहीं है।
आज छठे दिन भी पौंग बांध से पानी छोड़ने का सिलसिला जारी है। पौंग बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद ब्यास नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है, निचले क्षेत्रों मंड घंडरां, मंड सनौर, मंड इंदौरा, रियाली, मंड भोग्रवां और मंड मियाणी में लगभग 80 से 90 घरों तक पानी पहुंच गया। पानी भरने के बाद प्रशासन ने बीते दिन 33 लोग तो आज 7 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया।
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बताते चलें कि अचानक पानी पहुंचने से ग्रामीणों में अफरा-तफरी का माहौल है इंदौरा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत घंडरां के वार्ड-7 में 15–16 घर, मंड सनौर के वार्ड-4 और 5 में 20–25 घर, मंड इंदौरा के वार्ड-11 में 20–25 घर और मंड मियानी पंचायत के वार्ड-1 में 7–8 घर पानी की चपेट में आ गए हैं तो रियाली में दर्जनों घर टापू में तब्दील हो चुके हैं, प्रशासन टीमों सहित मौका पर नजर बनाए हुए है।
जिला कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि लोगों को सुरक्षित स्थान पर पंहुचाया गया है। पौंग बांध से छोड़े गए पानी से हुए बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया जा रहा है। उन्होंने बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लोगों से मुलाकात की है। प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन लोगों को दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सभी विभाग इन क्षेत्रों में नजर बनाए हुए है, दिन-रात लोगों को राहत देने में जुटे हुए है। सभी संबंधित विभागों जैसे की पीडब्ल्यूडी विभाग, जल शक्ति विभाग आदि को इस इलाके में हुए नुकसान आंकलन करके रिपोर्ट बनाने के आदेश दिए गए है इसी के साथ लोगों को राहत मिले प्रशासन इस पर काम कर रहा है राहत कैंप भी बनाए गये है अभी हालात कंट्रोल में है।