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समय माकूल है जनता जबाब देगी… संदीप सांख्यान
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ऐश्वर्य भोगने वाले नेता को जनता देगी जबाब… संदीप सांख्यान
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जनप्रतिनिधि का ओहदा बड़ा है तो जिम्मेदारी भी बड़ी होगी… सन्दीप सांख्यान
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आपदा में केंद्रीय मंत्री नहीं रख पाए हिमाचल के दर्द…. संदीप सांख्यान
पोल खोल न्यूज़ | हमीरपुर
समय यही माकूल है कि जनता के वोट लेकर ऐश्वर्य भोगने वाले और फिर अपना चेहरा न दिखाने वालों से कम से कम यह तो पूछा जाए कि क्या उन्होंने जनता के वोट की कीमत के बदले जनता को क्या दिया है। जनप्रतिनिधि भले ही किसी भी स्तर का हो दायित्व बड़ा होता है ऐसे में यदि जनप्रतिनिधि का औहदा केंद्र का हो तो जिम्मेवारी और जबावदेही और ज्यादा बढ़ जाती है। प्रदेश में बीते साल आई आपदा पूरे विश्व के समाचारों में सुर्खियां रही, लेकिन इस संवेदनशील हालात में भाजपा को राजनीति ही सूझी। क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस ने इनका सूपड़ा साफ कर दिया था तो टीस का होना बनता है लेकिन राजधर्म को न मानने वाले भाजपाईयों ने हिमाचल को अपने हाल पर छोड़ दिया लेकिन सीएम सुक्खू ने दूरदर्शी सोच का परिचय देते हुए बिना किसी के पास गिड़गिड़ाए हालातों पर काबू पाया और व्यवस्था को पटरी पर लाकर एक कुशल नेता का किरदार निभाया।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से पांचवी बार सांसद बनने का दिव्यस्वप्न देख रहे अनुराग ठाकुर ने इस आपदा के समय हिमाचल के हितों की कितनी पैरवी की है, यह सार्वजनिक होना जरूरी हो गया है। प्रैस को जारी बयान के माध्यम से प्रदेश कांग्रेस मीडिया समन्वयक व हमीरपुर संसदीय क्षेत्र कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता संदीप सांख्यान ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को एक बार फिर से सवालों के कटघरे में खड़ा कर प्रश्न पूछा है कि हमीरपुर के सांसद बताएं कि उन्होंने आपदा के समय हिनाचल को कितनी धनराशि उपलब्ध करवाई है। उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर बताएं कि प्रदेश में आई आपदा के मुद्दे को संसद में क्यों नहीं उठाया और वे इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा तक नहीं घोषित करवा पाए।
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उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में हुई आपदा के लिए 9900 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता क्षति पूरी करने के नुकसान का ब्यौरा केंद्र की भाजपा सरकार को दिया तो अनुराग ठाकुर ने मुंह में दहीं क्यों जमा ली थी। हैरानी की बात है कि अब लोकसभा चुनावों में जनाब किस मुंह से वोट मांग रहे हैं। संदीप सांख्यान ने कहा कि यदि अनुराग ठाकुर अपने खेल, सूचना व प्रसारण मंत्रालय का विवरण देने में तो असफल रहे हैं लेकिन आपदा जैसी भयंकर त्रासदी पर भी मात्र बयानबाजी करके पल्ला झाड़ते रहे। संदीप सांख्यान ने कहा कि प्रदेश के बुनियादी मुद्दों पर भी अनुराग ठाकुर संसद में हिनाचल के हितों की आवाज उठाने में असफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि अनुराग ठाकुर हिमाचल में आई त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करवा देते तो आज लोंगो के घर-घर जाकर वोट नहीं मांगते।
अनुराग ठाकुर को समझना चाहिए था कि यदि वह केंद्र सरकार से हिमाचल में आई भयंकर त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करवाने में मदद करते तो हिमाचल प्रदेश को मिलने वाली सहायता राशि न केवल केन्द्र सरकार से मिलती बल्कि उससे कहीं ज्यादा राशि विश्व बैंक व अन्य अंतराष्ट्रीय संस्थाओं से हिमाचल को मिलती, जो प्रभावितों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए रामबाण साबित होती। हिमाचल प्रदेश सरकार की वित्तिय व्यवस्था दुरुस्त न होने के वावजूद भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू् ने आपदा पीड़ितों के लिए 4500 करोड़ का राहत पैकेज दिया। जहां पर प्रधानमंत्री आवास योजना में केंद्र सरकार से गरीबी रेखा ने नीचे के लोंगो को 1 लाख 65 हजार रुपये घर बनाने हेतू मिलते थे, वहीं पर प्रदेश सरकार ने घर बनाने के लिए 7 लाख रुपये की राशि मुहैया करवाई। जनता भाजपा की वास्तविकता से वाकिफ हो चुकी है तथा इस बार चुनावों में मुंह तोड़ जबाव देने के लिए तैयार है।