शिमला। Pol Khol Beauro
केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार को कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। केंद्र सरकार ने दस दिनों के भीतर पंचायतों को बजट जारी करने को कहा है। ऐसा न करने पर ब्याज दिया जाए। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पंचायती राज मंत्रालय की संस्तुति के बाद खुद देरी से राज्य सरकार को यह ग्रांट जारी की है। यानी सात महीने बाद यह ग्रांट जारी की जा रही है। पंद्रहवें वित्तायोग की सिफारिशों के तहत इस बजट को जारी कर यह सख्त फरमान जारी किया है।
बता दें कि केंद्र ने 52 करोड़ रुपये का यह अनटाइड फंड पंचायती राज संस्थाओं में विभिन्न कार्यों के लिए जारी किया है। यह फंड ग्राम पंचायतें, पंचायत समितियां और जिला परिषदें अपने हिसाब से खर्चेंगी। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के उपनिदेशक महेश कुमार ने इस संबंध में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के सचिव वित्त और सचिव पंचायती राज को निर्देश जारी किए हैं।
दोनों राज्यों के लिए 141.35 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसमें से 53 करोड़ रुपये हिमाचल को दिए गए हैं, जबकि उत्तराखंड के लिए 88.75 करोड़ रुपये जारी हुए हैं। इसे वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पहली किस्त के रूप में दिया गया है। राज्य के वित्त विभागों को इस बजट को दस कार्यदिवसों के अंदर जारी करना होगा। इसमें किसी भी तरह की कोई भी कटौती नहीं करनी होगी।
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अगर दस दिन से ज्यादा देरी हो जाती है तो राज्य सरकार को इसका ब्याज भी देना होगा। ब्याज बाजार दरों पर ही देना होगा। यह ग्रांट पंचायती राज मंत्रालय के निर्देशानुसार पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के लिए जारी की जाएगी। यह अनटाइड ग्रांट भारत के संविधान की ग्याहरवीं सूची में दर्शाए गए विषयों पर लागू होगी। यह बजट प्रशासनिक व्यय और वेतन के मामले में खर्च नहीं होगा।