हमीरपुर। Rajneesh Sharma
जिला हमीरपुर के पेट्रोल पंप और गैस एजेंसियों के मालिक अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं ले रहे। विभाग की ओर से कई बार इन मालिकों को निरीक्षण के लिए नोटिस भेजे गए लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं मिला। जिला हमीरपुर में 30 पेट्रोल पंप और 10 गैस एजेंसियां हैं। इन सभी को विभाग से अग्निशमन यंत्रों का निरीक्षण करवाकर अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है।इसमें यंत्रों की जांच की जाती है और देखा जाता है कि इन्हें भरा भी गया है या नहीं। जो पेट्रोल पंपों और गैस एजेंसियों में आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं, वास्तव में क्या वे वही उपकरण हैं जिनकी यहां पर जरूरत है। यह सब निरीक्षण के दौरान अग्निशमन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी देखते हैं। इसके बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करते हैं। गैस एजेंसियों और पेट्रोल पंपों के मालिक अग्निशमन यंत्र बेचने वाली एजेेंसियों से संपर्क करके और उनका रिन्युअल करवाकर अपने संस्थानों को सुरक्षित घोषित कर देते हैं लेकिन वास्तव में इनकी सही ढंग से जांच भी होना जरूरी है। हालांकि, अग्निशमन विभाग ने इन सभी को निरीक्षण करवाने के लिए खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग को भी इन मालिकों को जांच करवाने के लिए लिखा गया। इसके बाद अग्निशमन विभाग ने भी अपने स्तर पर इन मालिकों को नोटिस भेजकर निरीक्षण करवाने के लिए कहा, लेकिन न तो गैस एजेंसियों के मालिकों को कोई असर पड़ा और न ही पेट्रोल पंप मालिकों के कानों में जूं तक रेंगी। अब अग्निशमन केंद्र हमीरपुर के अधिकारी इसके पीछे अपनी लाचारी ही दिखा रहे हैं। उनका कहना है कि हम इन मालिकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं और न ही इनका चालान या जुर्माना कर सकते हैं। इस बारे में प्रदेश सरकार को कुछ नए संशोधन करने की जरूरत है ताकि कोई बड़ी अनहोनी होने से पहले ही उस पर नियंत्रण किया जा सके।
इसमें यंत्रों की जांच की जाती है और देखा जाता है कि इन्हें भरा भी गया है या नहीं। जो पेट्रोल पंपों और गैस एजेंसियों में आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं, वास्तव में क्या वे वही उपकरण हैं जिनकी यहां पर जरूरत है। यह सब निरीक्षण के दौरान अग्निशमन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी देखते हैं। इसके बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करते हैं। गैस एजेंसियों और पेट्रोल पंपों के मालिक अग्निशमन यंत्र बेचने वाली एजेेंसियों से संपर्क करके और उनका रिन्युअल करवाकर अपने संस्थानों को सुरक्षित घोषित कर देते हैं लेकिन वास्तव में इनकी सही ढंग से जांच भी होना जरूरी है। हालांकि, अग्निशमन विभाग ने इन सभी को निरीक्षण करवाने के लिए खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग को भी इन मालिकों को जांच करवाने के लिए लिखा गया। इसके बाद अग्निशमन विभाग ने भी अपने स्तर पर इन मालिकों को नोटिस भेजकर निरीक्षण करवाने के लिए कहा, लेकिन न तो गैस एजेंसियों के मालिकों को कोई असर पड़ा और न ही पेट्रोल पंप मालिकों के कानों में जूं तक रेंगी। अब अग्निशमन केंद्र हमीरपुर के अधिकारी इसके पीछे अपनी लाचारी ही दिखा रहे हैं। उनका कहना है कि हम इन मालिकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं और न ही इनका चालान या जुर्माना कर सकते हैं। इस बारे में प्रदेश सरकार को कुछ नए संशोधन करने की जरूरत है ताकि कोई बड़ी अनहोनी होने से पहले ही उस पर नियंत्रण किया जा सके।
गैस एजेंसियों के मालिकों को भेजे कई बार नोटिस
जिला अग्निशमन विभाग हमीरपुर के अधिकारी राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पेट्रोल पंप और रसोई गैस एजेंसियों के मालिकों को कई बार नोटिस भेजकर अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के लिए कहा गया, लेकिन एक बार भी इन मालिकों ने विभागीय अधिकारियों से संपर्क नहीं किया। विभाग की ओर से खाद्य आपूर्ति विभाग के जरिये भी इन मालिकों को आगाह करवाया गया। इसके बाद भी यह मालिक निरीक्षण नहीं करवा रहे हैं और न ही एनओसी ले रहे हैं।