
सुजानपुर में क्या राजेंद्र राणा लगाएंगे जीत का चौका या फिर कैप्टन कर देंगे बोल्ड? शर्तों के साथ जोड़ घटाव शुरू
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
भाजपा के कंधों पर सवार राजेंद्र राणा क्या भाजपा की मदद से जीत का चौका लगा पाएंगे या फिर योजनाबद्ध तरीके से भाजपा से कांग्रेस में गए कैप्टन रणजीत इस बार उन्हें बोल्ड कर देंगे ? इन सवालों के साथ ही सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में जोड़ घटाव शुरू हो चुका है। समर्थक जीत हार की शर्ते तक लगा चुके हैं। चार जून सुबह आठ बजे से सुजानपुर चौगान के साथ लगते स्कूल परिसर में वोटों की गिनती शुरू होने तक कार्यकर्ता बूथ वाइज कैलकुलेशन में लगे हुए हैं। कांटे की टक्कर में कैप्टन को भाजपा के अंदर हुए भीतरघात का लाभ मिलने की उम्मीद है तो राजेंद्र राणा अपने राजनैतिक कौशल और तजुर्बे से आखिरी पल तक हार मानने वाले नहीं दिख रहे।
रूठों को नहीं मना पाए राजेंद्र राणा
चुनाव प्रचार के आखिरी पलों तक राजेंद्र राणा इस बार रूठों को नहीं मना पाए। राजेंद्र राणा के गढ़ माने जाने वाले सिसवा, सकांदर, छत्रौहल , पटनौंन , झनियारा , ऊहल, उटपुर, जंदरू, खियाह, कंगरी, झनिककर , भटेड़, सुजानपुर नगर, कक्कड़ , लंबरी , नलाही इत्यादि क्षेत्रों में कई पूर्व प्रधान , उप प्रधान और महिला मंडल राजेंद्र राणा से रूठे रहे। बारी पंचायत के पूर्व प्रधान सरवन कुमार , सकांदर पंचायत के पूर्व प्रधान सतपाल शर्मा , पटनौंन क्षेत्र के ट्रांसपोर्टर सुभाष सहित दर्जनों लोगों ने राजेंद्र राणा से बगावत कर कैप्टन रणजीत के लिए काम किया। राजेंद्र राणा आखिरी पलों तक रूठों को न मना पाए।
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कैप्टन को कांग्रेस का कैडर वोट और भाजपा का सहानुभूति वोट मिलने की उम्मीद
उधर शांत, ईमानदार और सरल स्वभाव कर फौजी कैप्टन रणजीत को इस बार कांग्रेस का कैडर वोट और भाजपा का सहानुभूति वोट दिल खोल कर मिलने की उम्मीद है। कैप्टन ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रोफेसर धूमल की 2017 की हार और सीएम सुक्खू के खिलाफ राजेंद्र राणा की बगावत को चुनावी मुद्दा बनाया। जिले के सीएम के लाभ लोगों को समझाए । पिछली बार 399 मतों की हार को भी कैप्टन रणजीत ने मुद्दा बना इस बार कांटे की टक्कर दे डाली।